India–Indonesia Relations: धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ रंग लाएगी इंडोनेशिया-भारत की साझा कोशिश
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और इंडोनेशिया में उनके समकक्ष उप प्रधानमंत्री मोहम्मद महफूद के बीच द्विपक्षीय वार्ता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उप पीएम महफूद को वहां के सबसे ताकतवर मंत्री के तौर पर जाना जाता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। धार्मिक कट्टरवाद को लेकर जो चिंताएं भारत की हैं वहीं इंडोनेशिया की भी हैं। अब दोनो देशों के बीच धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ व्यापक सहयोग करने को लेकर सहमति बनती दिख रही है। इस संदर्भ में मंगलवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और इंडोनेशिया में उनके समकक्ष उप प्रधानमंत्री मोहम्मद महफूद के बीच द्विपक्षीय वार्ता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उप पीएम महफूद को वहां के सबसे ताकतवर मंत्री के तौर पर जाना जाता है जिनके पास गृह, विदेश मामले, रक्षा, कानून, सामुद्रिक सुरक्षा जैसे संवेदनशील मंत्रालयों के बीच समन्वयन की जिम्मेदारी है। उनके साथ इंडोनेशिया के पांच वरिष्ठतम उलेमाओं के साथ ही 25 सदस्यीय उच्चस्तरीय दल आ रहा है।
इनके साथ भारतीय उलेमाओं की भी बैठक होने वाली है। सूत्रों ने बताया कि एनएसए डोभाल की मार्च, 2022 की इंडोनेशिया दौरे के बाद उनके समकक्ष महफूद ने अपने देश के उलेमाओं के साथ भारत आने और दोनो देशों के बीच धार्मिक नेताओं के बीच बेहतर विमर्श का दौर शुरू करने की पेशकश की थी। भारतीय इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र की ओर से भी सरकार से इस बाबत आग्रह किया गया था।
भारत व इंडोनेशिया इस्लामिक व्यवस्था के बढ़ते प्रभाव से चिंतित
सरकार ने इसे सहर्ष स्वीकार किया। वजह यह है कि दोनो देशों में अलग अलग धर्म व संस्कृति के लोगों की काफी संख्या है और दोनो देश दुनिया में बढ़ते धार्मिक कट्टरवाद के खिलाफ एक आदर्श रणनीति पेश कर सकते हैं। इन दोनो देशों की जिम्मेदारी इसलिए भी है कि इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम रहते हैं और मुस्लिम आबादी के मामले में भारत दूसरे नंबर है। इन दोनो देशों में इस्लाम की सोच व समाजिक प्रथाएं खाड़ी देशों के इस्लाम से बिल्कुल अलग हैं।
भारत व इंडोनेशिया खाड़ी देशों के कट्टरवादी इस्लामिक व्यवस्था के बढ़ते प्रभाव से चिंतित भी हैं। डोभाल और महफूद के बीच मंगलवार को होने वाली बातचीत इस संबंधि में भावी सहयोग का रास्ता साफ करेगा। मंगलवार को दोनो देशों के इस्लामिक विद्वानों व दूसरे धर्म के प्रतिनिधियों के बीच भी विमर्श होगा। विमर्श में एक खास मुद्दा यह रहेगा कि किस तरह से विभिन्न धर्म के युवाओं को आपसी सद्भाव के साथ रहने की पाठ पढ़ाया जाए।
भारत और इंडोनेशिया के बीच धार्मिक सहयोग को लेकर यह बात तब हो रही है जब दोनो देशों के बीच कूटनीतक व रक्षा संबंध भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। अभी दो हफ्ते पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने बाली में जी-20 बैठक के दौरान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो से द्विपक्षीय बैठक की थी। एनएसए डोभाल व उप पीएम महफूद के बीच होने वाली वार्ता का एजेंडा भी काफी बड़ा है।
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सूत्रों के मुताबिक द्विपक्षीय बैठक में समुद्र क्षेत्र में सहयोग, ढांचागत निर्माण में सहयोग, रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे। भारत दक्षिणी पूर्वी एशियाई देशों को अपने हथियारों के लिए एक आकर्षक बाजार के तौर पर देख रहा है। इंडोनेशिया ने हाल के महीनों में भारत निर्मित कई हथियारों को लेकर अपनी रुचि दिखाई है।
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