खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए भारत ने स्वयं खोजे समाधान, दूसरे देश भी सीखें- डब्ल्यूएफपी
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काउ ने कहा कि संघर्ष जलवायु परिवर्तन और फंड में कटौती से वैश्विक भुखमरी बढ़ रही है। भारत ने खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए समाधान खोजे हैं जिससे अन्य देश सीख सकते हैं। भारत अब खाद्य पदार्थों का निर्यात करता है और वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में मदद कर सकता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) के उप कार्यकारी निदेशक कार्ल स्काउ ने सोमवार को कहा कि संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और डब्ल्यूएफपी के लिए फंड में कटौती के कारण वैश्विक भुखमरी बढ़ रही है, ऐसे में भारत अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा में मदद करने में सक्षम है। भारत ने खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए समाधान स्वयं खोजे हैं। इससे अन्य देश सीख सकते हैं।
भारत खाद्य आयात करने वाला देश हुआ करता था, लेकिन अब अपने बलबूते उत्पादन बढ़ाकर खाद्य पदार्थों का निर्यात करता है। उन्होंने कहा, वैश्विक खाद्य संकट से निपटने के लिए हम भारत से उत्कृष्ट पहल की अपेक्षा रखते हैं।
स्काउ ने विशेष साक्षात्कार में जोर दिया कि पश्चिमी देशों से फंडिंग में कमी के कारण भारत जैसी उभरती शक्तियों के साथ सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा, भारत के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है। एक तो इसलिए कि पश्चिमी देश फंडिंग में कटौती कर रहे हैं। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने अपनी खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए स्वयं ही समाधान खोजे हैं।
भारत का प्रभाव बढ़ रहा
कूटनीति के मोर्चे पर भी भारत का प्रभाव बढ़ रहा है। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों, जी-20 और क्षेत्रीय महाशक्ति के रूप में भारत की बढ़ते प्रभाव की प्रशंसा की। डब्ल्यूएफपी वैश्विक स्तर पर भारत की विशेषज्ञता को साझा करने के लिए ''उत्कृष्टता केंद्र'' स्थापित करना चाहता है।
डब्ल्यूएफपी ने अफगानिस्तान, म्यांमार, यमन और गाजा सहित संघर्ष क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भी भारत से मदद की उम्मीद जताई। इन क्षेत्रों में सहायता पहुंचाने में भारत का कूटनीतिक प्रभाव महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भारत से सीखें दूसरे देश
डब्ल्यूएफपी के उप कार्यकारी निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी कार्ल स्काउ ने सोमवार को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर डब्ल्यूएफपी की गतिविधियों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान, स्काउ ने कहा कि भारत के मजबूत सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों, विविधीकरण, महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देने वाले पहलों से अन्य देश सीख सकते हैं।
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