Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिका के टैरिफ के बाद नहीं, पहले दिन से आत्मनिर्भर भारत पर रहा है पीएम मोदी का फोकस; ऐसे हुई थी शुरुआत

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 05:44 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से देशवासियों से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने वाले उत्पाद बनाने का आह्वान किया। उनके भाषणों में आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दिखता है। 2014 में उन्होंने मेड इन इंडिया उत्पादों का आह्वान किया था। 2020 में मेक इन इंडिया मेक फॉर द वर्ल्ड की बात की। 2021 में 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया।

    Hero Image
    पहले भाषण में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता की झलक प्रस्तुत की थी (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से देश के लोगों से आह्वान किया था कि वे ऐसे प्रोडक्ट्स का निर्माण करें, जो वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकें। शुरुआत में पीएम मोदी के इस बयान को डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बम से जोड़कर देखा जा रहा था, लेकिन अगर पीएम के पिछले भाषणों पर गौर करें, तो इसमें आत्मनिर्भर भारत का संकल्प जरूर दिखता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2014 में जब पीएम मोदी ने लालकिले से अपना पहला भाषण दिया था, तब भी उन्होंने यह कहा था कि भारत में इतनी क्षमता है, लेकिन बावजूद इसके हमें छोटी-छोटी चीजें भी आयात करनी पड़ती हैं। इस संबोधन में पीएम मोदी ने मेड इन इंडिया उत्पादों का भी आह्वान किया था। उन्होने जन धन योजना, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत जैसी योजनाओं की घोषणा की थी।

    विकसित भारत का संकल्प किया

    2016 के भाषण में पीएम मोदी ने शौचालयों का निर्माण, बड़ी संख्या में गरीबों को बैंकिंग नेटवर्क से जोड़ने जैसी उपलब्धियां गिनाईं और फिर अगले साल नए भारत के विषय पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने देश को सुरक्षित, समृद्ध और मजबूत राष्ट्र का संकल्प याद दिलाया और पेंडिंग कामों को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की।

    2020 में पीएम मोदी का फोकस राष्ट्रीय एकता और एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण पर रहा और रणनीति को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' की बात की। 2021 में पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प देश के सामने रखा और इसके रोडमैप पर ध्यान केंद्रित किया।

    2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंन नागरिकों से एकता, विकास और औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया गया। जबकि 2024 में उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और वन नेशन वन इलेक्शन की वकालत करते हुए मध्यम वर्ग, किसानों और गरीबों को प्रभावित करने वाले प्रमुख शासन परिवर्तनों के बारे में बात की।

    यह भी पढ़ें- India का आयरन डोम, GST रिफॉर्म और डेमोग्राफिक बैलेंस... पीएम मोदी ने लाल किले से खींच दिया मजबूत भारत का खाका