अचानक देश में क्यों बढ़ने लगी बिजली की मांग? कई राज्यों में कटौती से हाहाकार, जानिए पूरा मामला
Electricity Demand in India देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है जो 2.41 लाख मेगावाट तक जा पहुंची है। बिजली मंत्री मनोहर लाल ने दावा किया है कि देश में बिजली की आपूर्ति और मांग के बीच का अंतर बहुत कम है। भारत जल्द ही बिजली का निर्यातक देश बनेगा। आखिर क्या है प्लान...

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के अधिकांश हिस्से में सोमवार को बेतहाशा गर्मी ने बिजली की मांग को भी इस साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। इस दिन पीक ऑवर बिजली की मांग 2.41 लाख मेगावाट पहुंच गई। इसके बावजूद देश के किसी हिस्से से बिजली की आपूर्ति में कोई खास बाधा पहुंचने की सूचना नहीं है।
बिजली मंत्री मनोहर लाल का दावा है कि मौजूदा समय में देश में बिजली की आपूर्ति और मांग के बीच महज 0.1 फीसद का अंतर है, जबकि 12 साल पहले वर्ष 2013 में मांग आपूर्ति के मुकाबले 4.2 फीसद ज्यादा रहती थी।
उनका यह भी कहना है कि अभी बिजली की पीक आवर मांग (किसी खास समय में बिजली की अधिकतम मांग) 2.70 लाख मेगावाट भी हो जाए, तब भी उसकी पूरी तरह से आपूर्ति हो जाएगी।
पिछले साल की तुलना में बढ़ी बिजली की मांग
पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीसरी बार सरकार बनने की पहली वर्षगांठ पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बिजली मंत्री ने बताया कि भारत जल्द ही बिजली का एक प्रमुख निर्यातक देश बनेगा। देश में बिजली की मांग वैसे पिछले वर्ष के उच्चतम स्तर 2.50 लाख मेगावाट पर नहीं पहुंची है। वजह मई माह में अपेक्षा से कम गर्मी का पड़ना है।
केंद्रीय बिजली आयोग का अनुमान था कि बिजली की मांग इस साल 2.70 लाख मेगावाट को छू सकती है। बिजली मंत्री का कहना है कि पिछले दो महीने (अप्रैल व मई) में देश में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर घटकर शून्य रह गया है। यानी हम सौ फीसद बिजली की मांग पूरी कर रहे हैं और हम 2.70 लाख मेगावाट बिजली की मांग को पूरा करने को तैयार हैं।
अधिकारी बोले- बिजली की कटौती नहीं हुई
बिजली मंत्रालय के अधिकारियों से बाद में जब पूछा गया कि पर्याप्त बिजली आपूर्ति के बावजूद देश के कई हिस्सों में बिजली कटौती क्यों हो रही है तो उनका जवाब था कि यह स्थानीय वजहों से हो सकती है। किसी भी राज्य में इस वजह से बिजली की कटौती नहीं हो सकती कि उसे बिजली नहीं मिली। संभव है कि राज्य सरकार अपनी जरूरत से कम ही बिजली खरीद रही हो।
बहरहाल, मनोहर लाल ने बताया कि अभी देश में बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 4.72 लाख मेगावाट है, जिसमें 2.40 लाख मेगावाट ताप बिजली (कोयला आधारित) है। जबकि 2.22 लाख मेगावाट उत्पादन क्षमता नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर की है, लेकिन दिसंबर, 2025 तक नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर की क्षमता 2.50 लाख मेगावाट हो जाएगी और भारत भी उन देशों में शामिल हो जाएगा, जहां ताप संयंत्रों से ज्यादा क्षमता रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की होगाी।
गर्मी में कैसे पूरी करेंगे बिजली की मांग, मंत्री जी ने बताया प्लान
मनोहर लाल ने बताया कि आने वाले दिनों में सरकार का जोर पूरे देश में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर होगा। अभी रोजाना एक लाख घरों में यह मीटर लगाया जा रहा है। लक्ष्य 19 करोड़ बिजली उपभोक्ता घरों में प्रीपेड स्मार्ट लगाने की है। वैसे देश में क्रमवार तरीके से 50-60 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने की जरूरत होगी। इसमें 34 करोड़ आवासीय इकाइयां हैं और बाकी वाणिज्यिक व दूसरे संस्थान हैं।
बिजली मंत्री मनोहर लाल के मुताबिक, लक्ष्य को तेजी से हासिल करने के लिए यह फैसला किया गया है कि अगस्त, 2025 तक हर सरकारी भवन में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। जबकि दिसंबर, 2025 तक देश के बड़े बिजली उपभोक्ताओं को भी इसी मीटर के बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।