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    देश में शिशु मृत्यु दर में 37 प्रतिशत की गिरावट, लेकिन जन्म दर भी गिरी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 10:30 PM (IST)

    नवीनतम एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार भारत में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में उल्लेखनीय गिरावट आई है जो 2023 में न्यूनतम 25 तक पहुंच गई है। पिछले 10 वर्षों में इसमें 37.5% की कमी आई है। शिशु जन्म दर में भी गिरावट देखी गई है जो 2013 से 2023 तक 14% कम हो गई है।

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    बच्चों के जन्म और मृत्यु दर में आई गिरावट।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में शिशु मृत्युदर (आईएमआर) और शिशु जन्म दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। 2023 की नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट के मुताबिक देश में शिशु मृत्यु दर न्यूनतम 25 पर आ गई है।

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    2013 में 40 के मुकाबले इसमें 37.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं शिशु जन्म दर में पिछले 10 साल में 14 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। 2013 में ये दर 21.4 प्रतिशत थी, अभी ये 18.4 प्रतिशत है। आइएमआर एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संकेतक है, जिसे एक वर्ष से कम आयु के पैदा होनेवाले प्रति 1,000 शिशुओं पर होनेवाली मौतों की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह संख्या जितनी कम होगी, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच उतनी ही बेहतर मानी जाएगी।

    शिशु मृत्यु दर में आई गिरावट

    एसआरएस रिपोर्ट के मुताबिक 1971 में शिशु मृत्यु दर के मुकाबले 2023 में 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा बाल मृत्यु दर प्रति हजार पर 37 दर्ज की गई है। वहीं मणिपुर में ये आंकड़ा तीन का है। 21 राज्यों में केरल ही एकमात्र ऐसा प्रदेश है, जहां शिशु मृत्यु दर इकाई में दर्ज की गई है। राज्य में ये आंकड़ा 5 का है और मणिपुर के बाद ये दूसरे नंबर पर है।

    रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में ये आईएमआर 44 से घटकर 28 पर आ गई है। वहीं शहरी इलाकों में 27 से घटकर 18 पर आंकी गई है। इस तरह 10 साल में इस दर में 36 प्रतिशत और 33 प्रतिशत की गिरावट क्रमश: दर्ज की गई है। शिशु जन्म दर में भी गिरावट का रुख रिपोर्ट में शिशु जन्म दर में भी गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। ये दर जनसंख्या वृद्धि का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है। इसके तहत सालभर में प्रति हजार जनसंख्या पर जीवित शिशुओं की संख्या बताई जाती है।

    रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच दशकों में जन्म दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। ये दर 1971 के 36.9 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.4 प्रतिशत पर आ गई है। इस दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में शिशु जन्म दर करीब-करीब बराबर हो गई है। पिछले 10 वर्ष में जन्म दर 21.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.4 प्रतिशत पर आ गई है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में जन्म दर में लगभग 14 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो 2013 में 21.4 से घटकर 2023 में 18.4 हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 11 प्रतिशत घटकर 22.9 से 20.3 हो गई है। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह 17.3 से घटकर 14.9 हो गई है, जो लगभग 14 प्रतिशत है। बिहार में 2023 में सबसे ज्यादा जन्म दर 25.8 दर्ज की गई, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 10.1 के साथ सबसे कम पर था। रिपोर्ट में कहा गया है कि चंडीगढ़ में सबसे कम मृत्यु दर 4 और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 8.3 दर्ज की गई।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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