इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए पहला भारतीय मानक जारी, किसानों को मिलेगा भरोसा और लाभ
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए पहला भारतीय मानक (IS 19262:2025) जारी किया है। यह मानक ट्रैक्टरों की शक्ति, कार्यक्षमता और सुरक्षा क ...और पढ़ें

इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए भारतीय मानक जारी। (फाइल)
जागरण ब्यूरो,नई दिल्ली। खेती को सस्ता,आसान और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। देश में पहली बार इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टरों के लिए भारतीय मानक जारी किया गया है। अब तक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की ताकत, क्षमता और सुरक्षा को परखने के लिए कोई तय और भरोसेमंद व्यवस्था नहीं थी।
कंपनियां अपने-अपने दावे करती थीं, जिससे किसानों के मन में शंका बनी रहती थी। नए मानक के लागू होने से यह स्थिति बदलेगी और किसानों को स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि वे जो इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खरीद रहे हैं, वह खेत में कितना काम का है और कितना सुरक्षित है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने नई दिल्ली में आइएस 19262:2025 'इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर - परीक्षण संहिता' का विमोचन किया, जिसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने तैयार किया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों की शक्ति, कार्यक्षमता और सुरक्षा का परीक्षण तय प्रक्रिया से होगा। सभी कंपनियों के ट्रैक्टर को एक ही कसौटी पर परखा जा सकेगा और किसानों को भरोसा मिलेगा कि कागज के दावे जमीन पर भी खरे उतरते हैं।
नए मानक में पहली बार स्पष्ट किया गया है कि इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर की शक्ति और कार्यक्षमता को कैसे मापा जाएगा। इसमें पीटीओ पावर यानी ट्रैक्टर से चलने वाले औजारों की ताकत, ट्रॉली या हल खींचने की क्षमता और बेल्ट-पुली से जुड़े कार्यों के प्रदर्शन की जांच का पूरा तरीका तय किया गया है। इससे किसानों को पता चल सकेगा कि ट्रैक्टर जुताई, बुवाई, ढुलाई या अन्य कामों में कितना सक्षम है।
मानक में सुरक्षा और विश्वसनीयता पर भी जोर दिया गया है। ट्रैक्टर के पुर्जे सही हैं या नहीं, बैटरी, मोटर और अन्य हिस्से सुरक्षित ढंग से काम कर रहे हैं या नहीं, इन सबकी जांच तय नियमों के तहत होगी। इससे खराब या अधकचरे उत्पादों को रोके जा सकेंगे।
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे का कहना है कि इस पहल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों को तेजी से अपनाया जाएगा। कंपनियां भी बेहतर, सुरक्षित और भरोसेमंद मशीनें बनाने के लिए आगे आएंगी। भविष्य में यह पहल भारतीय खेती में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है। किसानों के लिए इलेक्ट्रिक कृषि ट्रैक्टर कई मायनों में डीजल ट्रैक्टरों से बेहतर साबित हो सकते हैं। सबसे बड़ा फायदा ईंधन खर्च में कमी का है। डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने से खेती की लागत बढ़ती जा रही है।
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बिजली से चलते हैं, जिसकी लागत डीजल की तुलना में काफी कम होती है। अगर किसान सोलर पैनल या गांव की सस्ती बिजली का उपयोग करें तो खर्च और भी घट सकता है। इससे खेती की कुल लागत कम होगी और किसानों की बचत बढ़ेगी।
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों से शोर कम होता है और धुआं नहीं निकलता। रखरखाव भी आसान है। डीजल इंजन की तुलना में पुर्जे कम होते हैं। इसलिए खराबी की संभावना कम रहती है और मरम्मत पर खर्च भी घटता है। इससे किसानों को लंबे समय में आर्थिक फायदा होता है।

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