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    'PAK का वार्ता प्रस्ताव स्वीकार नहीं', भारत की दो टूक- पहले सूची के अनुसार सारे आतंकवादी सौंपे पाकिस्तान

    Updated: Thu, 29 May 2025 08:43 PM (IST)

    India Pakistan Talks भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर कोई वार्ता होगी तो वह केवल दो मुद्दों पर होगी पहला भारत द्वारा सौंपी गई आतंकवादि ...और पढ़ें

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    पाक का वार्ता प्रस्ताव स्वीकार नहीं, भारत ने पाकिस्तान को दिया दो टूक जवाब। (फोटो- पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दो-तीन बार शांति वार्ता का प्रस्ताव भेज चुके पाकिस्तान को भारत का दो टूक जवाब यही है कि अगर वार्ता होगी तो वह दो ही मुद्दों पर होगी। पहला, भारत ने कुछ वर्ष पहले आतंकवादियों की जो सूची पाकिस्तान को सौंपी है, उसे वापस किया जाए। दूसरा, बातचीत सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लौटाने पर होगी।

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    यह बात विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां कही। ऑपरेशन सिंदूर में भारी क्षति उठाने के बाद पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने हाल ही में कई बार भारत के साथ हर मुद्दे पर बातचीत करने की इच्छा जता चुके हैं। भारत के रुख से साफ है कि वह अब वार्ता करने की पाकिस्तानी चाल में नहीं फंसने वाला।

    पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय वार्ता होगी

    जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर हमारा साफ पक्ष है। कोई भी वार्ता द्विपक्षीय ही रहेगा। किसी तीसरे पक्ष का कोई स्थान नहीं है। साथ ही आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। जहां तक आतंकवाद का सवाल है तो उस मुद्दे पर वार्ता सिर्फ यह हो सकती है कि हमने जिन आतंकवादियों की सूची पाक को सौंपी थी, उसे लौटाने पर केंद्रित रहेगी। इसके अलावा अगर द्विपक्षीय बातचीत होगी तो वह सिर्फ कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान के कब्जे को खाली कराने को लेकर होगी।

    जब- तक सीमा पार आंतकवाद रहेगा तब सिंधू जल संधि स्थगित रहेगी

    इसके साथ ही जायसवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल समझौता भारत ने तब तक स्थगित रखने का फैसला किया है जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर पूरी तरह से पाबंदी ना लगाये। सूत्र बताते हैं कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर जो न्यू नार्मल तय किया है, उसके मद्देनजर ही वार्ता को लेकर एकदम सख्त रवैया अपनाने का फैसला किया है।

    इस नीति के तहत सीमा पार आतंकवाद की हर घटना का भारत बहुत ही कड़ी कार्रवाई के साथ जवाब देगा। साथ ही पूर्व में हर बड़े आतंकवादी घटना के कुछ समय बाद वार्ता करने की जो परंपरा थी, उसे अब नहीं दोहराया जाएगा। भारत ने पहले संसद पर हमला होने और मुंबई हमला के होने के कुछ समय बाद पाकिस्तान से वार्ता के जरिए रिश्तों को सामान्य करने की कोशिश हुई थी।

    2015 में पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की थी तैयारी

    मोदी सरकार ने भी वर्ष 2015 में पाकिस्तान के साथ वार्ता करने की तैयारी की थी। तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। दोनों देशों के एनएसए को बीच बैंकॉक में मुलाकात भी हुई थी। लेकिन फिर पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों ने कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था।

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