'बातचीत में टैरिफ पर चर्चा नहीं', भारत-पाक सीजफायर पर ट्रंप सरकार के नए दावे पर भारत की खरी-खरी
India US ceasefire talks विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत और अमेरिका के बीच युद्धविराम को लेकर हुई बातचीत में टैरिफ के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर भारत का विरोध स्पष्ट है। बता दें कि ट्रंप लगातार कहते आ रहे हैं कि सीजफायर में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर इस बात को दोहराया है कि युद्ध विराम को लेकर अमेरिका से हुई बातचीत में टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई थी। विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा इस विशेष मुद्दे पर भारत का विरोध साफ है। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को समाप्त होने तक भारत और अमेरिका के बीच बातचीत हुई, लेकिन उस दौरान ट्रेड और टैरिफ की चर्चा नहीं हुई थी।
ट्रंप प्रशासन ने क्या कहा?
बता दें कि ट्रंप प्रशासन के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में प्रस्तुत एक दस्तावेज में यह टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था की रक्षा के उद्देश्य से टैरिफ लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के तहत अपनी आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग किया था।
लुटनिक ने अपने आवेदन में दावा किया, "भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम तभी संभव हो सका जब राष्ट्रपति ट्रंप ने हस्तक्षेप किया और दोनों देशों को पूर्ण रूप से युद्ध को टालने के लिए अमेरिका ने टैरिफ और ट्रेड का सहारा लिया।"
भारत-पाकिस्तान सीजफायर का क्रेडिट ले रहे ट्रंप
ट्रंप ने कई बार ये दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की है और उन्होंने परमाणु हथियार संपन्न दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा है कि अगर वे संघर्ष बंद कर दें तो अमेरिका उनके साथ खूब व्यापार करेगा
भारत ने दिया पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने 26 भारतीयों की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे। आतंकियों के मारे जाने से पाकिस्तान ने बौखलाकर भारत के खिलाफ सैकड़ों ड्रोन दागे।
भारतीय एअर डिफेंस ने सभी ड्रोन मार गिराए। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद दोनों देशों ने के डीजीएमओ (सैन्य अभियान महानिदेशक) के बीच बातचीत हुई। दोनों देशों ने सीजफायर का फैसला किया।
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