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    ट्रंप टैरिफ के बावजूद बढ़ा भारत का निर्यात... कैसे एक मास्टरस्ट्रोक से उल्टा पड़ गया अमेरिका का दांव?

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 05:19 PM (IST)

    भारत ने ट्रंप के टैरिफ के बावजूद निर्यात में वृद्धि की है। भारत ने अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाकर अमेरिका पर दबाव बनाया। उत्पादन लागत कम करने और गुणवत्ता में सुधार से निर्यात प्रतिस्पर्धी बना। इस सफलता से अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हुआ है, क्योंकि उन्हें भारत में अपने उत्पादों को बेचने में कठिनाई हो रही है।

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    ट्रंप टैरिफ के बावजूद बढ़ा भारत का निर्यात।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या भारतीय निर्यातकों ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की तरफ से भारतीय आयात पर 50 फीसद (दुनिया में सर्वाधिक) शुल्क लगाने का काट खोज निकाला है। संकेत तो कुछ ऐसे ही हैं। एसबीआइ की ताजा रिसर्च रिपोर्ट इकोरैप में इस बात का दिलचस्प खुलासा हुआ है। चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने (अप्रैल-सितंबर 2025) में भारत का कुल माल निर्यात 2.9 फीसद बढ़कर 220 अरब डॉलर हो गया।

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    इसका बड़ा कारण यह है कि भारत अब सीधे अमेरिका की बजाय तीसरे देशों, जैसे यूएई, चीन, वियतनाम, जापान, हांगकांग, बांग्लादेश, श्रीलंका और नाइजीरिया को ज्यादा निर्यात कर रहा है और संकेत है कि ये देश भारत से माल लेकर उसे अमेरिका को री-एक्सपोर्ट कर रहे हैं। इसे “ट्राएंगुलर ट्रेड'' या अप्रत्यक्ष निर्यात रणनीति कहा जाता है।

    रिपोर्ट में उदाहरण दिया गया है कि ऑस्ट्रेलिया का अमेरिका में मोती, कीमती व कम कीमत वाले पत्थरों के आयात में हिस्सा जनवरी-अगस्त 2025 में 9 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में सिर्फ दो फीसद की वृद्धि हुई थी। इस क्षेत्र में हांगकांग से अमेरिका को निर्यात भी दो फीसद बढ़ा है जो पहले एक फीसद की रफ्तार से बढ़ा था।

    भारत का इन देशों में बढ़ा निर्यात

    दूसरी तरफ भारत से इन देशों को उक्त उत्पादों में निर्यात लगातार बढ़ रहा है। इस तरह से भारत से तैयार कपड़े का निर्यात श्रीलंका (6.1 फीसद की वृद्धि), नाइजीरिया (4.2 फीसद) और बांग्लादेश (8.2 फीसद) को बढ़ा है। इन सभी देशों पर भारत के मुकाबले अमेरिकी बाजार में बहुत ही कम टैक्स लगाया गया है। यह भी उल्लेखनीय तथ्य यह है कि ये देश भारतीय कपड़ों के पारंपरिक बाजार नहीं रहे है।

    चीन को समुद्री उत्पादों (झींगा आदि) का निर्यात अगस्त, 2025 के मुकाबले सितंबर, 2025 में 16.3 फीसद से बढ़ कर 20.4 फीसद हो गया है जबकि इस अवधि में अमेरिका को होने वाले निर्यात की रफ्तार 27.4 फीसद वृद्धि से घट कर 21.1 फीसद रह गई है।

    अमेरिका ने भारत पर लगाया सबसे ज्यादा टैरिफ

    वर्तमान में अमेरिका ने एशियाई देशों में सबसे ज्यादा टैरिफ भारत पर ही लगा रखा है। इधर, अमेरिका-चीन व्यापारिक संबंधों में सुधार के कारण भारत का तुलनात्मक लाभ कम होता जा रहा है। रूस से तेल में खरीद में कमी करने के बाद अब उम्मीद है कि अमेरिका रूसी तेल खरीद से जुड़ा 25 फीसद टैरिफ वापस ले लेगा और अंतत: कुल टैरिफ को 15 फीसद के स्तर पर लाएगा।

    टैरिफ में राहत दे सकता है अमेरिका

    माना जा रहा है कि इसके बदले भारत भी अपने आयात शुल्क में भारी कटौती करेगा। कई जानकारों ने लिखा है कि भारत 80 फीसद से ज्यादा उत्पादों पर आयात शुल्क घटाएगा। हालांकि कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा बनाए रखेगा।

    केंद्र सरकार की तरफ अमेरिका की शुल्क नीति से भारतीय निर्यातकों को बचाने के लिए 45,060 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है जिसमें 20,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन पर क्रेडिट गारंटी शामिल है। इससे कोलेटरल-फ्री कर्ज मिलेगा और तरलता बढ़ेगी। इससे भारतीय निर्यातक वैश्विक अस्थिरता का ज्यादा बेहतर तरीके से सामना करने को तैयार हैं।

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