इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण में भारत की बड़ी छलांग, 1.15 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद
भारत में अब बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट का निर्माण होगा। सरकार ने देसी-विदेशी कंपनियों से कंपोनेंट्स निर्माण के लिए प्रस्ताव देने को कहा था। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रालय को उम्मीद से अधिक प्रस्ताव मिले हैं जिससे 1.15 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद है। सरकार ने कंपोनेंट निवेश से 4.56 लाख करोड़ मूल्य के कंपोनेंट्स निर्माण का लक्ष्य रखा था।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोबाइल फोन व सेमीकंडक्टर के बाद अब भारत में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण होने जा रहा है। सरकार ने देसी-विदेशी कंपनियों से इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स निर्माण के लिए प्रस्ताव देने के लिए कहा था और सरकार की उम्मीद से अधिक कंपनियों ने कंपोनेंट्स निर्माण का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव देने की अंतिम तारीख गत 30 सितंबर थी।
इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत 59,350 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा था, लेकिन प्रस्ताव को देखते हुए 1.15 लाख करोड़ के निवेश की उम्मीद है।
सरकार ने कंपोनेंट निवेश से 4.56 लाख करोड़ मूल्य के कंपोनेंट्स निर्माण का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब कंपोनेंट्स का निर्माण 10.34 लाख करोड़ तक के स्तर तक जा सकता है। इस निवेश और उत्पादन से 1.41 लाख लोगों के लिए रोजगार निकलेंगे।
कंपनियों को 22,919 करोड़ के इंसेंटिव देने का लक्ष्य
ईसीएमएस की अवधि छह साल की होगी और इस दौरान सरकार ने निर्माता कंपनियों को 22,919 करोड़ के इंसेंटिव देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब अगर सभी प्रस्तावों को निर्माण की मंजूरी दे दी गई तो सरकार को 41,468 करोड़ रुपए का इंसेंटिव देना पड़ेगा। अगले साल से कंपोनेंट निर्माण का काम शुरू हो सकता है। ईसीएमएस की अधिसूचना इस साल अप्रैल में जारी की गई थी।
10 परियोजनाओं की मंजूरी
वैष्णव ने बताया कि अब देश में ही रॉकेट से लेकर लैपटॉप तक में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि कंपोनेंट्स निर्माण के बाद हम इनके कच्चे माल का उत्पादन भी भारत में करेंगे ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण के लिए पूरा एक इको सिस्टम तैयार हो सके। पहले भारत ने मोबाइल फोन का निर्माण शुरू किया। उसके बाद सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए स्कीम लाई गई जिसके तहत 10 परियोजनाओं की मंजूरी दी गई है जो भारत में 1.60 लाख करोड़ का निवेश कर रही हैं।
सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू
सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसे लेकर वैश्विक उद्योग की काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया है। मोबाइल फोन के लिए कभी आयात पर निर्भर रहने वाला भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है। पिछले पांच सालों में मोबाइल फोन के निर्यात में औसतन सालाना 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
ईसीएमएस के तहत बनाए जाने वाले कंपोनेंट्स और प्रस्तावित निवेश
उपकरण नाम - प्रस्तावित निवेश (करोड़ में)
- डिस्प्लेट मोड्यूल सब एसेंबली- 8642
- कैमरा मोड्यूल सब एसेंबली- 6205
- नॉन-एसएमडी पैसिव कंपोनेंट्स- 1608
- इलेक्ट्रो मैकेनिकल्स- 14362
- मल्टी लेयर पीसीबी- 14150
- ली-आयन सेल्स फॉर डिजिटल एप्लिकेशंस- 4516
- इनक्लोजर फार मोबाइल, आईटी हार्डवेयर- 35813
- एचडीआई-एमएसएई-फ्लेक्सिबल पीसीबी- 16542
- एसएमडी पैसिव कंपोनेंट्स- 535
- सब एसेंबली सप्लाई चेन-बेयर कंपोनेंट्स- 9226
- कैपिटल गुड्स - 2103
- आप्टिकल ट्रांससिवर- 1645
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