अब बिना वीजा भी रूस जा सकेंगे भारतीय! विदेश मंत्रालय से चल रही बात; जानिए टूरिज्म पर कितना खर्च करते हैं भारतीय
रूस जाने का प्लान बना रहे भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द ही रूस की यात्रा करने के लिए वीजा की जरूरत खत्म हो जाएगी। ये जानकारी मॉस्को सिटी टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन एव्जेनी कोजलोव ने दी। हालांकि यह सुविधा सिर्फ उन पर्यटकों को मिलेगी जो 10 से 20 लोगों के ग्रुप में रूस जाएंगे। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय से इस संबंध में बात चल रही है।
पीटीआई, मुंबई। अगर आप कई लोगों के साथ समूह में रूस की यात्रा पर जा रहे हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले समय में आपके समूह को बिना वीजा के यात्रा करने की अनुमति मिल जाए।
मॉस्को सिटी टूरिज्म कमेटी के चेयरमैन एव्जेनी कोजलोव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। कोजलोव ने कहा, 'जब पर्यटकों का कोई समूह एक साथ रूस की यात्रा कर रहा है, तब बिना वीजा के यात्रा के लिए दस्तावेज में उन सभी की संख्या लिखनी होगी। समूह 10 से 20 लोगों का हो सकता है।
टूरिस्ट ग्रुप को मिलेगी सुविधा
- रूसी सरकार, भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ समूह में शामिल सदस्यों की संख्या पर सहमति जताने के लिए चर्चा कर रही है ताकि भारत से जाने वाले पर्यटकों के समूह को वीजा-मुक्त यात्रा मिल जाए।
- कोजलोव ने आगे कहा, 'भारत हमारे लिए प्राथमिकता वाला बाजार है। हमारे लिए देशों में चीन पहले पायदान पर आता है और भारत दूसरे। पर्यटन के दौरान भारतीय अच्छा खर्च करते हैं और आंकड़े बताते हैं कि एक व्यक्ति प्रति यात्रा में करीब पौने दो लाख रुपये (2,000 अमेरिकी डॉलर) खर्च करता है। मॉस्को व्यापार, विवाह, परिवार और सिनेमा पर्यटन पर ध्यान दे रहा है।'
- उन्होंने बताया, 'हम सिनेमा के जरिये भारतीयों को मॉस्को के लिए आकर्षित करना चाहते हैं। कमेटी फिल्म प्रोडक्शन हाउसेज से चर्चा कर मॉस्को आकर शूट करने के लिए आमंत्रित कर रही है। हम उन्हें इंसेंटिव देने की भी योजना बना रहे हैं, जिस पर चर्चा चल रही है।'
मॉस्को में विदेशी पर्यटक ज्यादा
बता दें कि मॉस्को में विदेशी पर्यटक लगातार बढ़ रहे हैं। जनवरी और सितंबर 2024 के बीच 19.7 मिलियन टूरिस्ट ने मॉस्को विजिट किया। इसमें से 61,000 लोग भारतीय थे। 2030 तक लगभग 6 मिलियन विदेशी टूरिस्ट के मॉस्को आने का अनुमान है।
इसमें से कई मिडिल ईस्ट, चीन, भारत और सीआईएस देशों से होंगे। अगर भारत और रूस के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई, तो दोनों देशों के रिश्ते पहले से ज्यादा करीबी हो जाएंगे। इस कदम से भारत और रूस के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत साझा करने में मदद मिलेगी।
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