यहां पढ़ें: भारत की पनडुब्बी ताकत
भारत के पास कुल 15 सबमरीन हैं जिन्हें चक्र, सिंधुघोष और शीशुमार की श्रेणी में बांटा गया है। आईएनएस चक्र आइएनएस चक्र पनडुब्बी एक बार में तीन महीने से अधिक समय तक पानी के अंदर रहने में सक्षम है और पोतभेदी मिसाइलों एवं सतह से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्रों से लैस है। आइएनएस चक्र का वजन
नई दिल्ली। भारत के पास कुल 15 सबमरीन हैं जिन्हें चक्र, सिंधुघोष और शीशुमार की श्रेणी में बांटा गया है।
आईएनएस चक्र
आइएनएस चक्र पनडुब्बी एक बार में तीन महीने से अधिक समय तक पानी के अंदर रहने में सक्षम है और पोतभेदी मिसाइलों एवं सतह से हवा में मार करने वाले प्रक्षेपास्त्रों से लैस है। आइएनएस चक्र का वजन 8140 टन है। इस पनडुब्बी की लंबाई 110 मीटर और समुद्र में इसकी रफ्तार 43 किमी प्रति घंटा है। 30 नॉटिकल मील की अधिकतम गति के साथ यह पनडुब्बी पानी में 600 मीटर गहराई में चल सकती है। इसे 2012 में नौसेना में शामिल किया गया।
पनडुब्बी हादसे से पर्यावरण को खतरा
आईएनएस अरिहंत
भारतीय नौसेना पोत आईएनएस अरिहंत परमाणु शक्ति चालित भारत की पहली पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है।
आईएनएस सिंधुघोष की श्रेणी में निम्न पनडुब्बियां हैं। सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुवीर, सिंधुरत्न, सिंधुकेसरी, सिंधुविजय, सिंधुरक्षक और सिंधुशस्त्र। यह सभी पनडुब्बियां रूस में बनी हैं।
आईएनएस शीशुमार की श्रेणी में शीशुमार, शंकुश, शल्कि, शंकुल नाम से पनडुब्बियां हैं। ये सभी जर्मनी में बनी हैं।
आईएनएस शीशुमार श्रेणी की पनडुब्बियां डीजल और बिजली से चलती हैं। इन्हें जर्मनी की हॉवल्ड स्वेरके डेज्युशे रेफ्ट कंपनी ने तैयार किया है। 26 जुलाई 2009 को स्वदेश निर्मित पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को लांच किया गया।
पड़ोसियों की ताकत
आठ परमाणु पनडुब्बी को लेकर चीन के पास 55 पनडुब्बियां हैं।
पाकिस्तान के पास कुल पांच पनडुब्बियां हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।