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    मोदी सरकार की पहल के बाद विदेश से वापसी को तैयार हुए भारतीय वैज्ञानिक

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    Updated: Thu, 24 Jul 2014 07:19 AM (IST)

    मोदी सरकार के शुरुआती कदमों ने विदेश में काम कर रहे प्रवासी भारतीय (एनआरआइ) वैज्ञानिकों का स्वदेश प्रेम फिर से जगा दिया है। देश में बेहतर भविष्य का सप ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। मोदी सरकार के शुरुआती कदमों ने विदेश में काम कर रहे प्रवासी भारतीय (एनआरआइ) वैज्ञानिकों का स्वदेश प्रेम फिर से जगा दिया है। देश में बेहतर भविष्य का सपना लिए ये वैज्ञानिक अब भारत लौटने की इच्छा जाहिर करने लगे हैं। केंद्र की नई सरकार ने जिस तरह से शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक समुदाय को महत्व देने का काम शुरू किया है, उसे देखते हुए ही एनआरआइ वैज्ञानिक फिर से भारत लौटने को तैयार हुए हैं।

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    विज्ञान व तकनीकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि नई सरकार न सिर्फ वैज्ञानिकों को बेहतर काम करने का माहौल उपलब्ध करा रही है बल्कि उन्हें आकर्षक पैकेज भी दिए जा रहे हैं। पिछले एक महीने में ही कई प्रवासी वैज्ञानिकों ने भारत लौटने का आवेदन किया है। देश में शोध व विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की तरफ से और कदम उठाये जाएंगे। नए किस्म के प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे। फ्रांस की सरकार के साथ मिल कर विज्ञान क्षेत्र में परिषद बनाने की पहल शुरू की गई है।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव होने से पहले ही यह कह रहे हैं कि देश में अनुकूल माहौल न होने के चलते देश की प्रतिभाओं को विदेश पलायन करना पड़ता है। प्रधानमंत्री की यही सोच रही है कि देश में ऐसा अवसर और माहौल उपलब्ध होना चाहिए जिससे भारतीय वैज्ञानिकों को विदेश जाने की आवश्यकता न पड़े। सिंह ने कहा कि दुनियाभर में यह स्वीकार किया जाने लगा है कि भारत शोध एवं अनुसंधान के लिए एक बेहतरीन जगह है। उदाहरण के तौर पर मेडिकल क्षेत्र में भारत जितना बड़ा अवसर देता है वैसा और कोई देश नहीं देता। यही वजह है कि कई देशों में शोध करने वाले भारत को केंद्र बनाना चाहते हैं।

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