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    ट्रेन सुरक्षा में नहीं लगेगी सेंध, कवच 4.0 से लैस होगा भारतीय रेल नेटवर्क

    भारतीय रेलवे ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम कवच 4.0 को तैनात करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। सभी लोकोमोटिव जहां पहले से ही कवच का इस्तेमाल हो रहा है उसे अब उन्नत कवच 4.0 से बदल दिया जाएगा। भारतीय रेलवे अपने प्रमुख मार्गों पर इसका उपयोग कर बुनियादी ढांचे को अत्याधुनिक और सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Sun, 29 Dec 2024 11:30 PM (IST)
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    प्रमुख रेलवे मार्गों पर उन्नत ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम कवच 4.0 को तैनात किया जाएगा।(फोटो सोर्स: जागरण)

    एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने प्रमुख मार्गों पर उन्नत ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन सिस्टम कवच 4.0 को तैनात करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रेनों के सुचारू संचालन में बहुत अहम भूमिका निभाएगा।

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    जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सभी लोकोमोटिव जहां पहले से ही कवच का इस्तेमाल हो रहा है, उसे अब उन्नत कवच 4.0 से बदल दिया जाएगा। भारतीय रेलवे अपने प्रमुख मार्गों पर इसका उपयोग कर बुनियादी ढांचे को अत्याधुनिक और सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है। यह ट्रेन के परिचालन के दौरान मानवीय त्रुटि को कम करेगा।

    कहां किया गया था कवच 4.0 का परीक्षण? 

    सबसे महत्वपूर्ण यह कि कवच का यह अत्याधुनिक संस्करण दुर्घटनाओं को भी पहले से कहीं अधिक कुशलता के साथ रोकेगा। कवच 4.0 का परीक्षण 16 सितंबर को सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी के बीच किया गया था। इस परीक्षण में कवच ने सात महत्वपूर्ण परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास किया था।

    जो दर्शाता है कि यह सिस्टम रेल दुर्घटनाओं को रोकने में कितना कारगर साबित हो सकता है। परीक्षण के दौरान कवच ने बिना ड्राइवर की मदद के लाल सिग्नल से 50 मीटर की सुरक्षित दूरी पर ट्रेन को रोक दिया था।

    कैसे रेल हादसों पर 'कवच' लगाएगा ब्रेक?

    कवच स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्शन तकनीक है। रेलवे ने चलती ट्रेनों को हादसे से बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक से इसे विकसित किया है। लोको पायलट की लापरवाही या ब्रेक लगाने में विफल होने पर कवच अपने आप सक्रिय हो जाता है और चलती ट्रेन में ब्रेक लगाकर हादसे के खतरे को पूरी तरह टाल देता है।

    यह दो स्थितियों में प्रभावी तरीके से हादसों को रोकता है। अगर दो ट्रेनें एक ही पटरी पर आमने-सामने आ रही हैं तो लगभग चार सौ मीटर के फासले पर दोनों ट्रेनों में अपने आप ब्रेक लग जाएगा। दूसरा, यदि कोई ट्रेन किसी अन्य ट्रेन के पीछे से आ रही है और सुरक्षित दूरी को क्रास कर गई है तो कवच उसे भी आगे नहीं बढ़ने देता है। इसके अतिरिक्त चलती ट्रेन के रास्ते में रेडलाइट या गेट आ जाएगा तो कवच उसकी गति पर भी ब्रेक लगा देता है।

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