Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Indian Railways: रेल मंत्री के तुरंत एक्शन से दूर हुई पिता की बड़ी टेंशन, जानें क्‍या है मामला

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Sun, 24 Apr 2022 06:29 AM (IST)

    ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की छोटी सी पहल से किस तरह किसी आम व्यक्ति की बड़ी से बड़ी चिंता भी पलभर में दूर हो सकती है इसका एक सटीक उदाहरण सामने आया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की त्वरित कार्रवाई से एक पिता की बड़ी टेंशन दूर हो गई।

    Hero Image
    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की त्वरित कार्रवाई से एक पिता की बड़ी टेंशन दूर हो गई।

    जेएनएन, नई दिल्ली। ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की छोटी सी पहल से किस तरह किसी आम व्यक्ति की बड़ी से बड़ी चिंता भी पलभर में दूर हो सकती है, इसका एक सटीक उदाहरण सामने आया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की त्वरित कार्रवाई से एक पिता की बड़ी टेंशन दूर हो गई। आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं। दरअसल, मंगलुरु में रहने वाले किशन राव का 16 वर्षीय बेटा शांतनु 10वीं की परीक्षा देने के बाद अपने पैतृक गांव जाना चाहता था, जो केरल के कोट्टायम के पास पड़ता है। तीन दिन पहले राव ने अपने बेटे को केरल जाने वाली परशुराम एक्सप्रेस में मंगलुरु सेंट्रल स्टेशन पर सुबह पांच बजे बिठा दिया। ट्रेन को दोपहर ढाई बजे के करीब एर्नाकुलम और कोट्टायम के बीच पिरावोम रोड स्टेशन पर पहुंचना था, जहां उसका चचेरा भाई उसे लेने आने वाला था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बेटे से संपर्क नहीं होने पर बढ़ गई थी पिता की चिंता

    शांतनु पहली बार ट्रेन से अकेले जा रहा था, इसलिए राव और उनकी पत्नी ने उसे मोबाइल फोन दिया, ताकि रास्ते में कोई बात हो तो वो उनसे संपर्क कर सके। सुबह करीब 10 बजे राव ने बेटे का हाल लेने के लिए फोन किया, तब उसका फोन बंद जा रहा था। कुछ देर बाद उन्होंने फिर फोन किया। तब भी शांतनु का फोन बंद ही मिला। उसके बाद उन्होंने लगातार कई बार फोन किए, लेकिन फोन बंद ही मिला। अब उनकी चिंता बढ़ने लगी।

    पिता ने रेल मंत्री को किया ट्वीट

    उन्होंने बिना देर किए सुबह 10:34 बजे बेटे के ट्रेन टिकट के पीएनआर के साथ रेल मंत्री को ट्वीट किया और मदद की गुहार लगाई। राव ने यह भी बताया कि उनके बेटे को मलयालम नहीं आती और वह पहली बार ट्रेन से अकेले यात्रा कर रहा है। राव ने बताया कि ट्वीट करने के 15 मिनट बाद ही रेलवे कंट्रोल रूम से उनके पास फोन आ गया और बेटे के बारे में उनसे विस्तृत जानकारी ली गई। यह जानकारी आरपीएफ को फारवर्ड की गई और सुबह 11:06 बजे उनसे उनके बेटे की बात करा दी गई।

    34 मिनट बाद आरपीएफ ने पिता से बेटे की करा दी बात

    राव ने बताया कि शोरनूर जंक्शन पर ट्रेन के पहुंचते ही आरपीएफ के जवान उनके बेटे की बोगी में उसका नाम पुकारते हुए घुसे। पहले तो उनका बेटा डर गया कि उसे क्यों ढूंढा जा रहा। आरपीएफ के जवानों ने जब उसे पूरी बताई और पिता से उसकी बात कराई तो उसका डर दूर हुआ। शांतनु ने बताया कि गलती से उसका फोन स्वीच आफ हो गया था। राव ने त्वरित कार्रवाई के लिए रेल मंत्री, रेलवे अधिकारियों और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) का आभार जताया और प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि बाद में टीटीई उनके बेटे के पास पहुंचा और रास्ते भर उसका ध्यान रखते गया।