तेज रफ्तार से दौड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था, 8% से भी आगे बढ़ी GDP; उम्मीद से बेहतर दिखा ग्रोथ
चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी विकास दर 8.2% रही, जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे अधिक है। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन और निर्यात में वृद्धि ने विकास दर को बढ़ावा दिया। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने विकास दर 7% से अधिक रहने का अनुमान लगाया है। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि को सरकार की नीतियों और सुधारों का परिणाम बताया।
-1764343521624.webp)
तेज रफ्तार से दौड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत से भी आगे बढ़ी GDP (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमाम अर्थशास्त्री और यहां तक कि आरबीआई के अनुमान को गलत साबित करते हुए चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी विकास दर 8.2 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।
गत छह तिमाही में यह विकास दर सबसे अधिक है और सबसे बड़ी बात है कि इस साल जुलाई-सितंबर की अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था ने विकास दर के मामले में दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्था को फिर से पछाड़ दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.8 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
कैसे 8% तक पहुंचा विकास दर?
इस कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में भारत की विकास दर आठ प्रतिशत रही। पहली छमाही में इस मजबूत विकास दर एवं अर्थव्यवस्था के विभिन्न सूचकांक में मजबूती को देखते हुए शुक्रवार को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगाया है।
अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर यह भी है कि चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक देश की अर्थव्यवस्था चार लाख करोड़ (ट्रिलियन) डालर के पार होगी।चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मैन्यूफैक्च¨रग और सर्विस सेक्टर के शानदार प्रदर्शन की वजह से विकास दर को आठ प्रतिशत के पार पहुंचने में मदद मिली।
किन-किन सेक्टरों में हुआ इजाफा?
दूसरी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के मुकाबले सेवा सेक्टर में 9.2 प्रतिशत तो मैन्यूफैक्चरिंग में 9.1 प्रतिशत का इजाफा रहा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी 48.63 लाख करोड़ का रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह जीडीपी 44.94 लाख करोड़ का था।
दूसरी तिमाही के दौरान महंगाई दर में के दो प्रतिशत से भी कम रहने और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से भी विकास दर को रफ्तार मिली। इस साल जुलाई-सितंबर में निर्यात का भी प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और इससे भी जीडीपी को समर्थन मिला। भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका की तरफ से लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क पर अमल अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ। इसलिए गत जुलाई-अगस्त में निर्यात का प्रदर्शन मजबूत रहा और इससे जीडीपी को ऊंची छलांग लगाने में मदद मिली।
क्या कहा वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्स पर क हा कि दूसरी तिमाही में जीडीपी का यह मजबूत नंबर सरकार की तरफ से लगातार वित्तीय स्थिति को बेहतर करने, सार्वजनिक निवेश पर फोकस और विभिन्न सुधारों का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न सूचकांक और खपत में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए यह आने वाले समय में भी अर्थव्यवस्था में यह मजबूती जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह दर हमारे विकास को लेकर लाई गई नीति व किए गए सुधार का असर है। यह हमारे देशवासी व उद्यमियों की मेहनत को भी दर्शाता है। हमारी सरकार सुधार के इस कार्यक्रम को सतत जारी रखेगी और देश के सभी नागरिकों के जीवन को आसान बनाने का प्रयास भी जारी रखेगी।
इस साल जुलाई-सितंबर में किन देशों की कितनी रही विकास दर (प्रतिशत में)
- भारत - 8.2
- इंडोनेशिया - 5.0
- चीन - 4.8
- ब्रिटेन - 1.3
- जापान - 1.1
- फ्रांस - 0.9
- जर्मनी - 0.3
- मैक्सिको - (-0.1)
गत छह तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर प्रतिशत में
वित्त वर्ष 2024-25
- पहली तिमाही - 6.5
- दूसरी तिमाही - 5.6
- तीसरी तिमाही - 6.4
- चौथी तिमाही- 7.4
वित्त वर्ष 2025-26
- पहली तिमाही - 7.8
- दूसरी तिमाही - 8.2

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।