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    'आप भी कर सकते हैं चांद पर चहलकदमी', अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला ने स्कूल के स्टूडेंट्स से बातचीत में और क्या कहा?

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 09:19 PM (IST)

    भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से स्कूली छात्रों से रेडियो के माध्यम से बात की। उन्होंने छात्रों को अंतरिक्ष में अपने अनुभव बताए और कहा कि उनमें से कई भविष्य में अंतरिक्षयात्री बन सकते हैं। उन्होंने बताया कि आइएसएस पर जीवन जीएमटी पर सेट घड़ी से चलता है और वे हर दिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं।

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    अंतरिक्ष पर गए शुभांशु शुक्ला ने भारत से स्कूली बच्चों से की बात। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से रेडियो के माध्यम से स्कूली छात्रों से बातचीत की और कहा कि आप में से कई भविष्य में अंतरिक्षयात्री बन सकते हैं और चंद्रमा पर चहलकदमी भी कर सकते हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत 26 जून से शुभांशु आइएसएस पर हैं। वह आइएसएस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।

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    शुभांशु ने मेघालय और असम के सात स्कूलों के छात्रों से बातचीत की, जो उनसे बात करने के लिए शिलांग में उत्तर पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में एकत्र हुए थे। छात्रों ने शुभांशु को 20 प्रश्न भेजे थे और वह 10 मिनट हैम रेडियो के माध्यम से छात्रों के संपर्क में रहे। उन्होंने आइएसएस पर अपने अनुभव, अंतरिक्षयात्री के रूप में प्रशिक्षण और अंतरिक्ष में स्वस्थ रहने के बारे में अपने विचार साझा किए। शुभांशु ने कहा, 'मैं लौटकर आऊंगा और आपका मार्गदर्शन करूंगा। आप में से कई भविष्य में अंतरिक्षयात्री बनेंगे। जिज्ञासु बने रहें और खुद पर विश्वास रखें, आप में से कोई चंद्रमा पर चहलकदमी भी कर सकता है।'

    हर दिन 16 सूर्योदय-सूर्यास्त

    उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन पर जीवन सूर्य के प्रकाश से नहीं बल्कि ग्रीनविच मीन टाइम (जीएमटी) पर सेट घड़ी से संचालित होता है। शुभांशु ने कहा, 'हम सूर्य का अनुसरण नहीं करते। आइएसएस पर हम हर दिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं, क्योंकि हम हर 90 मिनट में पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं। हमारी गतिविधियां सूर्य के प्रकाश से नहीं बल्कि जीएमटी से संचालित होती हैं।'

    मांसपेशियों-हड्डियों को नुकसान

    शुभांशु ने बताया कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के कारण मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए हम हर दिन ट्रेडमिल, साइकिल और मशीनों का उपयोग करके व्यायाम करते हैं। मिशन के लिए और धरती पर लौटने के लिए फिट रहना आवश्यक है। उन्होंने अपनी अंतरिक्ष यात्रा को अद्भुत बताया और कहा कि अंतरिक्ष से धरती को निहारना सबसे रोमांचक होता है।

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