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    7 खिड़कियों से दिखता है पूरा ब्रह्मांड... क्या है Cupola Module, जिससे शुभांशु ने देखा स्पेस? जानिए इसकी खासियत

    Updated: Sun, 06 Jul 2025 05:51 PM (IST)

    अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में कपोला मॉड्यूल नामक एक विशेष मॉड्यूल है जिसमें सात खिड़कियां हैं जहां से अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड का अध्ययन करते हैं। 26 जून को भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन पहुंचे। उन्होंने कपोला मॉड्यूल से ब्रह्मांड की तस्वीरें लीं और हड्डियों से संबंधित अध्ययन किया जिससे ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार में मदद मिल सकती है। वे 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे।

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    पढ़ें क्या है Cupola Module, जिससे शुभांशु ने किया ब्रह्मांड का किया दीदार।(फोटो सोर्स: Axiom Space)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में एक खास तौर का मॉड्यूल है, जिसे कपोला मॉड्यूल (Cupola Module) कहा जाता है। इस मॉड्यूल में सात खिड़कियां है, जहां से अंतरिक्ष यात्री 'ब्रह्मांड' की स्टडी करते हैं।

    26 जून को भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन पहुंचे हैं। इसी बीच उनकी तस्वीर सामने आई है, जहां वो कपोला मॉड्यूल से 'ब्रह्मांड' की तस्वीरें कैमरे में कैद कर रहे हैं। बता दें कि 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे।  

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    कपोला मॉड्यूल की खासियत

    कपोला एक छोटा मॉड्यूल है, जिसे स्पेस स्टेशन के बाहर रोबोटिक गतिविधियों, व्हीकल्स एप्रोच और स्पेस वॉक जैसी एक्टीविटिज के अवलोकन लिए डिजाइन किया गया है।

    कपोला की वजह से अंतरिक्ष यात्री तारों और खगोलीय पिडों को देखकर उनकी स्टडी करते हैं। कपोला की वजह से ही हमें ब्रह्मांड की शानदार तस्वीरें दुनिया तक पहुंचती है।

    ISS में शुभांशु शुक्ला ने हड्डियों पर किया शोध

    शुभांशु ने स्पेस स्टेशन पर हड्डियों से संबंधित अध्ययन किया। यह शोध हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस के बेहतर उपचार की दिशा में उम्मीद की किरण है।

    शनिवार को शुभांशु और एक्सिओम-4 मिशन के अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने पता लगाने का प्रयास किया कि न के बराबर गुरुत्वाकर्षण या माइक्रोग्रैविटी में हड्डियों पर किस तरह प्रभाव पड़ता है। अंतरिक्ष में हड्डियां किस प्रकार खराब होती हैं और पृथ्वी पर वापस आने पर वे किस प्रकार ठीक हो जाती हैं।

    Axiom Space के तहत लॉन्च Axiom-4 मिशन के तहत स्पेस गए चारों अंतरिक्षयात्री करीब 60 एक्सपेरिमेंट करेंगे।

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