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    पाक सीमा पर तैनात होंगी एके-630, एक मिनट में तीन हजार राउंड करती है फायर; और क्या हैं खूबियां?

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:01 PM (IST)

    भारतीय सेना पाकिस्तान सीमा के पास आबादी वाले इलाकों की सुरक्षा के लिए मिशन सुदर्शन चक्र के तहत स्वदेशी कंपनी से छह एके-630 एमएम बंदूकें खरीदेगी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिले सबक के बाद एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की तैयारी है। ये गन सिस्टम 3000 राउंड प्रति मिनट की दर से चार किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है और सभी मौसमों में काम करने में सक्षम है।

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    एक मिनट में तीन हजार फायर करनेवाली एके 630 पाक सीमा पर होगी तैनात। (फोटो- इंटरनेट मीडिया)

    एएनआई, नई दिल्ली। पाकिस्तान सीमा से सटे आबादी वाले इलाकों और आस्था के केंद्रों को सुरक्षा देने के इरादे से मिशन सुदर्शन चक्र के तहत भारतीय सेना ने एक स्वदेशी कंपनी से छह एके-630 एमएम बंदूकें खरीदने की तैयारी की है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिले सबक पर काम करते हुए एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है।

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    सशस्त्र संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में नागरिक ठिकानों और धार्मिक इमारतों पर सीधे हमले किए थे। आगे ऐसा न होने देने के लिए सेना पहले से तैयारी कर लेना चाहती है।

    छह एके630 एयर डिफेंस गन सिस्टम की होगी खरीद 

    रक्षा अधिकारियों ने बताया कि सेना वायु रक्षा (एएडी) ने एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआइएल) के साथ छह एके630 एयर डिफेंस गन सिस्टम की खरीद के लिए एक आरएफपी (रिक्वेस्ट फार प्रपोजल) जारी किया है। ये एक 30 मिमी मल्टी-बैरल मोबाइल एयर डिफेंस गन सिस्टम है जिसमें लगातार हाई लेवल की फायरिंग की जा सकती है। बंदूक प्रणाली को एक ट्रेलर पर लगाया जाएगा और हाई मोबिलिटी वाहन से ले जाया जाएगा।

    जानिए इस एयर डिफेंस सिस्टम की खासियत

    उन्होंने बताया कि एके630 का उपयोग यूआरएएम (ड्रोन, राकेट, तोपखाने और मोर्टार) से पैदा हुए खतरे को विफल करने के लिए किया जाएगा। इसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के निकट स्थित प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और आस्था के केंद्रों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा।

    ये गन सिस्टम 3000 राउंड प्रति मिनट की दर से चार किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है। इसमें सभी मौसमों में काम करने वाले इलेक्ट्रो-आप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम लगा होगा, जो किसी भी मौसम में लक्ष्य की पहचान कर सकता है। इसे सुदर्शन चक्र कवच के तौर पर विकसित किया जा रहा है और इसे पूरे वायु रक्षा संरचना से जोड़ा जाएगा।

    बता दें कि भारतीय सेना के एएडी ने पाकिस्तान के ड्रोन और विमानों के जरिये हवाई हमलों को विफल करने में अहम भूमिका निभाई है।

    एएडी सैनिकों से राजनाथ सिंह ने की थी मुलाकात

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में गुजरात के भुज में एएडी सैनिकों से मुलाकात की थी, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के बहुस्तरीय हमलों को विफल कर दिया था। भारत का आयरन डोम है मिशन सुदर्शन चक्र मिशन सुदर्शन चक्र भारत की 2035 तक एक व्यापक, बहुस्तरीय, स्वदेशी सुरक्षा कवच तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें निगरानी, साइबर सुरक्षा और वायु रक्षा प्रणालियों को एकसाथ जोड़ा जाएगा ताकि देश के प्रमुख प्रतिष्ठानों को दुश्मनों के हमलों से बचाया जा सके।

    पीएम मोदी ने की थी इस मिशन की शुरुआत

    इजरायल की तर्ज पर इसे तैयार किया जाएगा, जिसकी वजह से इसे भारत का आयरन डोम कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देते हुए रक्षात्मक अवरोध और संभावित आक्रामक क्षमता विकसित करना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को भारत में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और कहा था कि भारत ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में कोई संयम नहीं बरता जाएगा।

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