भारत-चीन के बीच सीधी फ्लाइट 26 अक्टूबर से, तीन गुना बढ़ सकते हैं यात्री; किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?
भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवा 5 साल बाद फिर शुरू होगी। इंडिगो एयरलाइंस 26 अक्टूबर 2025 से कोलकाता-ग्वांगझू उड़ान शुरू करेगी जिससे यात्रियों को समय और पैसे की बचत होगी। एयर इंडिया भी दिल्ली-शंघाई सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है। इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने इसे ग्लोबल ग्रोथ प्लान का हिस्सा बताया। गलवान घाटी झड़प के बाद 2020 में उड़ानें बंद हो गई थीं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवा पांच साल बाद फिर से शुरू होने जा रही है। यह बड़ी शुरुआत इंडिगो एयरलाइंस करेगी, जो 26 अक्टूबर 2025 से कोलकाता-ग्वांगझू सीधी उड़ान शुरू करने वाली है। इस उड़ान से यात्रियों को साधा सफर मिलेगा और समय पर खर्च दोनों की बचत होगी।
इंडिगो की पहली सीधी उड़ान कोलकाता से 26 अक्टूबर की रात 10 बजे रवाना होगी और सुबह 4 बजे ग्वांगझू पहुंचेगी। टिकट की कीमत 15 हजार रुपये रखी गई है। एयर इंडिया भी जल्द ही दिल्ली-शंघाई सर्विस शुरू करने पर काम कर रही है।
इंडिगो के शेयर में तेजी
इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने कहा कि यह कदम उनके ग्लोबल ग्रोथ प्लान का हिस्सा है और कंपनी भविष्य में चीन के और भी शहरों तक उड़ानों को शुरू करने पर विचार कर रही है। इस एलान के बाद इंडिगो के शेयरों में 1.5% तक की तेजी दर्ज की गई।
विदेश मंत्रालय ने पहले ही घोषणा की थी कि भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत से शीतकालीन शेड्यूल में बहाल होंगी। एविएशन एक्टपर्ट्स का अनुमान है कि सीधी उड़ानें बहाल होने के बाद यात्री संख्या तीन गुना बढ़कर 30 लाख सालाना हो सकती है।
2020 में गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सभी सीधी उड़ानें बंद हो गई थीं। उस समय हर हफ्ते करीब 500 डायरेक्ट फ्लाइट्स चलती थीं और सालाना 12.5 लाख लोग यात्रा करते थे।
सीधी उड़ान से किसे होगा ज्यादा फायदा?
- नई डायरेक्ट फ्लाइट्स से छात्रों, बिजनेस यात्रियों और पर्यटकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
- छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को अपनी सप्लाई चेन तेज करने में राहत मिलेगी।
- ई-कॉमर्स, फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को व्यापारिक लाभ मिलेगा।
- एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स को भी नए राजस्व स्रोत मिलेंगे।
भारत में बढ़ेंगे चीनी यात्री
भारतीय पर्यटन स्थलों में चीनी यात्रियों की खास रुची है। खासतौर पर बौद्ध पर्यटन स्थल जैसे गया, सारनाथ, कुशीनगर, नालंदा और लद्दाख चीनी चात्रियों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा आगरा, दिल्ली जयपुर और अजंता-एलोरा गुफाएं भी चीनी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। भारत का योग और आयुर्वेद आधारित वेलनेस टूरिज्म भी चीनी यात्रियों को आकर्षित कर रहा है।
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