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भारतीय सेना का कमाल, अब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर भी मिलेगी इंटरनेट की सुविधा

Satellite based internet service on Siachen Glacier भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर सियाचिन सिग्नलर्स (Siachen Signallers) ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर (19061 फीट) पर सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा सक्रिय कर दी है ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 18 Sep 2022 10:52 PM (IST)Updated: Sun, 18 Sep 2022 11:40 PM (IST)
भारतीय सेना का कमाल, अब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर भी मिलेगी इंटरनेट की सुविधा
भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र यानी सियाचिन में एक बड़ी सफलता हासिल की है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र यानी सियाचिन में एक बड़ी सफलता हासिल की है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर सियाचिन सिग्नलर्स (Siachen Signallers) के अभूतपूर्व कदम से अब दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र यानी सियाचिन ग्लेशियर में भी इंटरनेट की सुविधा मिल सकेगी। सियाचिन सिग्नलर्स (Siachen Signallers) ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर (19,061 फीट) पर सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा सक्रिय कर दी है।

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सेना प्रमुख ने लिया तैयारियों का जायजा

मालूम हो कि गौरतलब है कि भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर सियाचिन सिग्नलर्स (Siachen Signallers) दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। इस बीच भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे पूर्वी कमान के मुख्यालय पहुंचे और ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा ल‍िया। भारतीय सेना की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना प्रमुख को क्षेत्र की मौजूदा सुरक्षा स्थितियों के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान उन्‍होंने अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत की।

सीमा से सटे इलाकों में तेजी से हो रहा काम 

गौरतलब है कि भारतीय सेना सीमाओं पर अपनी तैयारियों को लगातार मजबूत कर रही है। भारतीय सेना सीमा से सटे इलाकों में इफ्रास्‍ट्रक्‍चर को भी लगातार विकसित कर रही है। इसके साथ ही आपरेशनल और रणनीतिक तैयारियों पर भी सेना का फोकस है। इसी कवायद के तहत भारतीय सेना ने घरेलू रक्षा उद्योग से यह बताने को कहा है कि आपातकालीन स्थितियों में वे किन महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति कर करने में सक्षम हैं। चीन की आक्रामकता के मद्देनजर उक्‍त कदमों को बेहद महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है।

भारतीय रक्षा कंपनियों को तरजीह 

सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसकी ओर से भारतीय रक्षा उद्योग को आपातकालीन खरीद के लिए महत्वपूर्ण रक्षा उपकरणों और हथियारों की पेशकश करने के लिए आमंत्रण जारी किया गया है। यह आमंत्रण आपात परिस्‍थ‍ितियों में स्‍वदेशी रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए सीमित समयसीमा के लिए लागू होगा। इसमें रक्षा उत्‍पादन में जुटी भारतीय कंपनियां शामिल होंगी। भारतीय रक्षा कंपनियों से रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए यह विंडो छह महीने के लिए खुली रहेगी।

आत्‍मनिर्भरता पर सेना का फोकस 

यह खरीद प्रक्रिया 'ओपेन टेंडर इंक्वायरी' पर आधारित होगी जिसमें प्रतिस्पर्धी कंपनियों को पारदर्शी तरीके से इसमें शामिल होने का मौका मिलेगा। सेना का कहना है कि भारतीय रक्षा कंपनियों को ड्रोन, काउंटर ड्रोन, बंदूकें, मिसाइल, लोइटर मुनिशन, संचार और आप्टिकल सिस्टम, विशेष तरह के वाहन, इंजीनियरिंग उपकरण और वैकल्पिक ऊर्जा संसाधन के लिए प्रस्ताव दिए जा रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि वह भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर लाजिस्टिक प्रणाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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