H-1B वीजा नीति परिवर्तन पर आवाज उठाएं भारतीय-अमेरिकी, थरूर बोले- लोगों की चुप्पी आश्चर्यजनक
थरूर बोले कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें से एक यह है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय इस सब पर इतना चुप क्यों है। एक कांग्रेस सदस्य ने कहा कि उनके कार्यालय में किसी भी भारतीय-अमेरिकी मतदाता का एक भी फोन कॉल नहीं आया है जिसमें उनसे नीति में बदलाव का समर्थन करने के लिए कहा गया हो। यह आश्चर्यजनक बात है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने बड़ा बदलाव करते हुए H-1B वीजा नीति में परिवर्तन पर किया है। जिसके बाद अब वहां H-1B वीजा का आवेदन शुल्क लगभग 88 लाख हो गया है। वहीं अब इस बात पर शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी नीति परिवर्तन पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की 'चुप्पी' 'आश्चर्यजनक' है, उनको आगे आकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
बैठक में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की चुप्पी का मुद्दा भी उठा
एक संसदीय पैनल ने मंगलवार को अमेरिका के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के समक्ष भारत के विरुद्ध अमेरिका द्वारा हाल में लिए गए प्रतिकूल निर्णयों का मुद्दा उठाया और चर्चा के दौरान इन घटनाक्रमों पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की चुप्पी का मुद्दा भी उठा।
विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने बैठक के बाद कहा कि पैनल के सदस्यों, जिनमें सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दल शामिल थे, ने जो मुद्दा उठाया, उनमें से एक यह था कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय "इन सब बातों पर इतना चुप" क्यों है। भारतीय मूल के अमी बेरा के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने भी इस विचार से सहमति जताई।
भारतीय-अमेरिकी मतदाता का एक भी फोन कॉल नहीं आया- थरूर
थरूर ने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें से एक यह है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय इस सब पर इतना चुप क्यों है। एक कांग्रेस सदस्य ने कहा कि उनके कार्यालय में किसी भी भारतीय-अमेरिकी मतदाता का एक भी फोन कॉल नहीं आया है जिसमें उनसे नीति में बदलाव का समर्थन करने के लिए कहा गया हो। यह आश्चर्यजनक बात है।
थरूर बोले- आपको इसके लिए लड़ना और बोलना भी होगा
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को भारतीय-अमेरिकी आबादी तक पहुंचने की जरूरत है और उन्हें यह बताना होगा कि अगर आपको मातृभूमि के साथ अपने रिश्ते की परवाह है, तो आपको इसके लिए लड़ना और बोलना भी होगा, और अपने राजनीतिक प्रतिनिधियों पर भारत के लिए खड़े होने का दबाव बनाने के लिए और ज्यादा प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि दौरे पर आए अमेरिकी सांसद भारत के मित्र हैं और देश के प्रति अच्छे विचार रखते हैं।
कुछ सांसदों ने कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और लचीलेपन को देखा और ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क को बढ़ाकर 1,00,000 अमेरिकी डॉलर करने के फैसले से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की।
बैठक में ईरान के चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा हुई
बैठक में ईरान के चाबहार बंदरगाह, जिसे भारत द्वारा विकसित किया जा रहा है, के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट तथा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ के मुद्दे भी उठाए गए। कुछ अमेरिकी सांसदों ने इन निर्णयों के लिए ट्रंप की आलोचना की।
थरूर ने कहा कि इनसे जो सबसे महत्वपूर्ण संदेश सामने आया, वह यह है कि अमेरिकी कांग्रेस सहित अधिकांश अमेरिकी जनमत भारतीय संबंधों और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।
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