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    भारतीय वायु सेना ने आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया एक और कदम, अस्त्रशक्ति अभ्यास में 'SAMAR' वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण

    भारतीय वायु सेना ने हाल ही में वायु सेना स्टेशन सूर्यलंका में आयोजित अभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 (Astrashakti 2023) के दौरान अपने इन-हाउस डिजाइन और विकसित SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल फायरिंग परीक्षण किया है। मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन पहले ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह देख चुके हैं।

    By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 17 Dec 2023 03:30 PM (IST)
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    अस्त्रशक्ति अभ्यास 2023 के दौरान SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण (फोटो सोर्स: एएनआई)

    एएनआई, नई दिल्ली। अपने इन-हाउस डिजाइन और विकास प्रयासों में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए भारतीय वायु सेना ने अपनी SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

    IAF ने अपने पुराने रूसी मूल के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करके SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली विकसित की है।

    अस्त्रशक्ति-2023 के दौरान किया परीक्षण

    आईएएफ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "भारतीय वायु सेना ने हाल ही में वायु सेना स्टेशन सूर्यलंका में आयोजित अभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 (Astrashakti 2023) के दौरान अपने इन-हाउस डिजाइन और विकसित SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल फायरिंग परीक्षण किया है। वायु रक्षा प्रणाली 'SAMAR' (सतह से- सुनिश्चित प्रतिशोध के लिए वायु मिसाइल) को भारतीय वायुसेना के रखरखाव कमान के तहत एक इकाई द्वारा विकसित किया गया है।

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    मिसाइल प्रणाली ने अपनी सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियों का परीक्षण करने और उनके परिचालन क्षेत्र परीक्षणों को अंजाम देने के लिए पहली बार अभ्यास में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मिसाइल प्रणाली ने अलग-अलग परिदृश्यों में फायरिंग परीक्षण उद्देश्यों का बेहतरीन परीक्षण किया।

    दो मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम SAMAR

    यह प्रणाली 2 से 2.5 मैक की गति सीमा पर चलने वाली मिसाइलों के साथ हवाई खतरों का सामना कर सकती है। IAF अधिकारियों ने कहा कि SAMAR प्रणाली में एक ट्विन-बुर्ज लॉन्च प्लेटफॉर्म शामिल है, जो खतरे के परिदृश्य के आधार पर सिंगल और सैल्वो मोड में दो मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम है।

    वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल पहले ही देख चुके हैं प्रदर्शन

    मिसाइल प्रणाली का प्रदर्शन पहले ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और वायु सेना उप प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह देख चुके हैं। भारतीय वायुसेना के रखरखाव कमान के प्रमुख एयर मार्शल विभास पांडे ने भी सिर्यालंका हवाई अड्डे का दौरा किया और उन अधिकारियों और कर्मियों सहित चालक दल से मुलाकात की, जिन्होंने इस प्रणाली को घर में विकसित करने की दिशा में काम किया है।

    आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर फोकस

    भारतीय वायुसेना ने अन्य हथियार प्रणालियों पर भी सफल मिसाइल फायरिंग की और इसमें महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। भारतीय वायु सेना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देशों के अनुरूप काम कर रही है। रखरखाव कमान ने लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों, हेलीकॉप्टरों और जमीन-आधारित हथियार प्रणालियों में उपयोग किए जाने वाले कई पुर्जों और उपकरणों को स्वदेशी बनाने में भी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

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    बल के बेस रिपेयर डिपो भी अन्य के साथ-साथ बल में Su-30 और MiG-29 जेट की सेवा क्षमता में सुधार के लिए HAL के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। SAMAR वायु रक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय राजधानी स्थित 7 BRD द्वारा विकसित किया गया है।

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