भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की योजना का जोरो संगठन ने किया विरोध, 510km लंबा है यह बॉर्डर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के चिन, कुकी, मिजो और जोमी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने भारत-म्यांमार सीमा के मिजोरम खंड पर बाड़ लगाने की केंद्र सरकार की योजना का विरोध किया है। मिजोरम स्थित जो री यूनिफिकेशन आर्गेनाइजेशन (जोरो) ने इस योजना को अस्वीकार्य बताया है, क्योंकि यह एक ही वंश के लोगों को विभाजित करने का प्रयास है।

भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की योजना का जोरो संगठन द्वारा विरोध (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत, बांग्लादेश और म्यांमार की चिन, कुकी, मिजो और जोमी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने शुक्रवार को भारत-म्यांमार सीमा के मिजोरम खंड पर बाड़ लगाने की केंद्र सरकार की योजना का विरोध किया।
मिजोरम स्थित जो री यूनिफिकेशन आर्गेनाइजेशन (जोरो) ने दावा किया कि राज्य सरकार और विभिन्न समूहों के कड़े विरोध के बाद कुछ समय के लिए रोक के बाद केंद्र ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने की योजना को फिर से शुरू किया है।
510 किलोमीटर लंबा है बॉर्डर
मिजोरम म्यांमार के चिन राज्य के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और मिजो लोग पड़ोसी देश में रहने वाले चिन लोगों के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं।
जोरो के उपाध्यक्ष एल रामदिनलियाना रेंथलेई ने कहा, ''हम इस योजना को अस्वीकार्य मानते हैं, क्योंकि यह एक ही वंश वाले लोगों को विभाजित करने का प्रयास है। हम कड़ा विरोध दोहराते हैं और घोषणा करते हैं कि सीमा पर बाड़ लगाने के निर्माण का विरोध करते रहेंगे।''

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