अमेरिका से अपने नागरिकों को भारत वापस लाएगा या नहीं, विदेश मंत्रालय ने दे दिया सीधा जवाब
USA and India डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद अमेरिका अवैध प्रवासियों पर सख्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 18 हजार भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जा सकता है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत अवैध आव्रजन के खिलाफ है क्योंकि अवैध आव्रजन संगठित अपराध से जुडा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद अमेरिका अवैध प्रवासियों पर सख्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 18 हजार भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जा सकता है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने कहा कि भारत अवैध आव्रजन के खिलाफ है, क्योंकि अवैध आव्रजन संगठित अपराध से जुडा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा अमेरिका समेत किसी भी जगह निर्धारित समय से अधिक और बिना उचित दस्तावेज के रहने वाले भारतीय नागरिकों को हम वापस लाएंगे। मगर शर्त यह है कि उनकी राष्ट्रीयता को सत्यापित करने वाले आवश्यक दस्तावेजों को हमारे साथ साझा किया जाए।
अमेरिका के साथ संबंध मजबूत
रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत-अमेरिका संबंध बहुत मजबूत और बहुआयामी हैं। दोनों देशों के आर्थिक संबंध बहुत खास हैं। हमने व्यापार से संबंधित किसी भी मामले पर चर्चा करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच तंत्र स्थापित किए हैं। हमारा दृष्टिकोण हमेशा से मुद्दों को रचनात्मक तरीके से हल करने का रहा है, जो दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए हो। हम अमेरिकी प्रशासन के साथ करीबी संपर्क में हैं।
फिल्म इमरजेंसी पर हंगामा करने वालों पर एक्शन ले यूके
यूनाइटेड किंगडम में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों ने हंगामा किया। इस पर विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी। कहा कि हमने रिपोर्ट देखी है कि किस तरह कई हॉल में प्रदर्शित हो रही फिल्म 'इमरजेंसी' को बाधित किया जा रहा है। हम लगातार भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में ब्रिटेन के समक्ष चिंता जताते रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि यूके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के लोगों के संपर्क में है।"
समझौते के अनुसार हो रही बाड़बंदी
हाल ही में बांग्लादेश ने सीमा पर भारत की तरफ से लगाई जा रही बाड़ पर आपत्ति जताई। अब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर बाड़ लगाने के लिए कई समझौते हुए हैं। अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए सीमा पर बाड़ लगाना जरूरी है। भारत ने कहा कि बाड़ लगाने के समझौतों का सकारात्मक पालन हो। सीमा पर की जा रही बाड़बंदी समझौतों के अनुसार की जा रही है।
विदेश सचिव जाएंगे चीन
विदेश सचिव विक्रम मिसरी चीन की यात्र पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा 26-27 जनवरी को होने जा रही है। विदेश सचिव चीन में अपने समकक्ष उप मंत्री से मुलाकात करेंगे, जहां द्विपक्षीय हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक कजान में पीएम मोदी और चिनफिंग के बीच बनी समझ से आगे बढ़ी है। इसके बाद विशेष प्रतिनिधि स्तर और विदेश मंत्री स्तर की बैठकें भी हो चुकी हैं। विदेश सचिव की बैठक में आपसी हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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