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    'आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा भारत', UNHRC से विदेश मंत्री जयशंकर का सीधा संदेश

    Foreign Minister S Jaishankar News विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि भारत हमेशा ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की वकालत करेगा। इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा व्यवस्था पर इशारा करते हुए कहा कि जब विश्व को इनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब यह खुद अभावग्रस्त व लाचार थे।

    By Jagran News Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Tue, 25 Feb 2025 11:33 PM (IST)
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    UNHRC से विदेश मंत्री जयशंकर का सीधा संदेश। (फोटो- पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मेलन में कहा कि पिछले कुछ सालों में स्थापित वैश्विक ढांचे पूरी तरह से बेकार साबित हुए हैं। अब समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं के आधार पर नई बहुआयामी प्रणाली स्थापित करने की स्पष्ट व त्वरित आवश्यकता है।

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    उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की वकालत करेगा। जिनेवा में मंगलवार को 58वें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार सम्मेलन के वर्चुअल सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में भू-राजनीतिक उथल-पुथल पर कहा कि विश्व में संघर्षों के दौर जारी हैं।

    जानिए और क्या बोले विदेश मंत्री?

    विदेश मंत्री ने कहा कि मौजूदा चुनौतियों के बीच यह परिस्थितियां और अधिक विकृत, अनिश्चित और अस्थिर होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें और तैयारी की जरूरत है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए फिट होना जरूरी है। अब हमें बहुआयामी प्रणाली की जरूरत है जो समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप हों।

    हम पूरे विश्व को मानते हैं परिवार

    उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की मौजूदा व्यवस्था पर इशारा करते हुए कहा कि जब विश्व को इनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी तब यह खुद अभावग्रस्त व लाचार थे। जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक प्रोन्नति और मानवाधिकार की रक्षा में अहम भूमिका निभाता रहा है। हमने हमेशा ही वित्तीय जिम्मेदारी के सिद्धांतों, पारदर्शिता और निरंतरता का पालन किया है।

    इस प्रतिबद्धता के साथ भारत ने हमेशा ही विभिन्न देशों के साथ विकास की साझेदारी निभाई है। लेकिन इसी के साथ भारत ने बिना किसी समझौते के आतंकवाद का मुकाबला किया है। हम वसुधैव कुटुंबकम केवल कहने के लिए नहीं कहते। बल्कि हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंच पर सुधारों के लिए भारत समर्थन और नेतृत्व करने को तत्पर है।

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