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    'एक देश-एक चुनाव संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ', पूर्व CJI ने इसे क्यों बताया चुनौती?

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 11:14 PM (IST)

    एक देश-एक चुनाव को देश के पूर्व सीजेआई ने बताया चुनौतीपूर्ण है। पूर्व सीजेआई ने बताया कि वन नेशन वन इलेक्शन संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष एक देश एक चुनाव विधेयक पर जस्टिस यूयू ललित ने अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने ढाई घंटे तक सवालों के जवाब दिए। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और मनीष तिवारी ने भी राय साझा की।

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    जेपीसी के सामने मंगलवार को देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित सहित कुछ कानूनविद पेश हुए।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक देश-एक चुनाव को लेकर पेश किए गए संशोधन विधेयक पर गठित संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी ) के सामने मंगलवार को देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित सहित कुछ कानूनविद पेश हुए और संशोधन विधेयक से जुड़े सवालों के जवाब दिए।

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    सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने एक देश एक चुनाव के खिलाफ राय जाहिर करते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र के ढांचे और संविधान के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ करने जैसा होगा। जस्टिस ललित ने सांसदों के साथ लंबे सवाल-जवाब के दौरान कहा कि एक देश एक चुनाव विधेयक सुनने में जितना अच्छा है, उसका अमल में उतनी ही ज्यादा चुनौतियां हैं।

    ढाई घंटे तक दिए जेपीसी के सवालों के जवाब

    वैसे भी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का जो चक्र टूटा है, वह इस देश के लोकतंत्र की मजबूती की स्वाभाविक उपज है। संसदीय कमेटी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्य न्यायाधीश ललित ने इस दौरान सदस्यों के सवालों के करीब ढांई घंटे तक जवाब दिए। साथ ही इसकी राह की चुनौतियों को भी गिनाया।

    कई सांसदों ने पूछे प्रतिप्रश्न

    जस्टिस ललित ने विधेयक को संविधान के बुनियादी ढांचे तथा लोकतंत्र के खिलाफ बताया जो कई सांसदों ने प्रति प्रश्न करते हुए पूछा कैसे? इस पर जस्टिस ललित ने कहा कि विधेयक संविधान के बुनियादी ढांचे के स्तंभों पर खरा नहीं उतरता। लोकसभा तथा राज्यों के चुनाव अलग-अलग समय पर होने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस चुनावी चक्र को किसी ने तोड़ा नहीं है बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रगति के कारण हुआ है।

    'वास्तविक लोकतंत्र से हमें दूर ले जाएगा'

    ऐसे में वर्तमान चुनावी चक्र को बदलकर एक साथ कराने का विकल्प लाया जाता है तो यह मूल ढांचे के खिलाफ होगा। विधेयक लागू हो जाने के बाद भी चुनावी चक्र नहीं टूटेगा इसकी गारंटी नहीं होगी और लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रगति को बांधने का प्रयास हुआ तो फिर यह वास्तविक लोकतंत्र से हमें दूर ले जाएगा।

    जस्टिस रितुराज भी हुए पेश

    संसदीय समिति के सामने इस दौरान विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस रितुराज अवस्थी भी पेश हुए और उन्होंने इसके समर्थन में अपनी राय रखी। साथ ही इसे लेकर अपनी एक रिपोर्ट भी कमेटी के सामने पेश की। इस बीच कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने एक देश एक चुनाव की सोच का विरोध किया और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

    क्या बोलीं प्रियंका गांधी?

    सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव विधायिका के कार्यकाल में छेड़छाड़ करके लोकतंत्र को कमजोर करेगा और लोगों के अधिकारों का हनन करेगा। बैठक में शामिल भाजपा सांसदों ने विधेयक का खुलकर समर्थन किया और कहा इससे देश को पूरे समय चुनावों का सामना नहीं करना होगा।

    कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी किए सवाल

    इस बीच कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी कमेटी के सामने पेश हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश ललित से कई सवाल किए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पिछले दिनों लोकसभा में पेश किए गए एक देश-एक चुनाव विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया था। साथ ही इसे लेकर 39 सदस्यीय एक समिति भी गठित की है। जिसमें भाजपा, कांग्रेस सहित सभी दलों से जुड़े लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल है।