इस साल के अंत तक EU से हो जाएगी ट्रेड डील... अमेरिका के साथ कब तक बनेगी बात? पीयूष गोयल ने किया खुलासा
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की पूरी संभावनाएं हैं इस पर लगातार बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ और भारत के बीच भी व्यापार समझौते को लेकर अच्छी चर्चा चल रही है। गोयल ने कहा कि अमेरिका में सरकार शटडाउन मोड में होने के बावजूद बातचीत जारी है।

संजय मिश्र, जागरण, दोहा। अमेरिकी सरकार में शटडाउन के बावजूद भारत और अमेरिका में व्यापार समझौते पर सहमति बनाने की वार्ता का दौर जारी रहेगा। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि व्यापार समझौते को लेकर अलग-अलग स्तर पर भारत और अमेरिका के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते की पूरी संभावनाएं हैं।
वहीं, यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत के बीच व्यापार समझौते के लिए भारत की टीम ब्रुसेल्स में मौजूद है और बहुत अच्छी चर्चा चल रही है। अमेरिकी टैरिफ वार से पैदा हुई वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के मद्देनजर भारत दुनिया के अहम देशों के साथ कारोबारी रिश्ते को मजबूत करने में जुटा है। इसी पहल के तहत कतर के दौरे पर आए गोयल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि टैरिफ समझौता को लेकर अमेरिका के साथ अलग अलग स्तर पर संपर्क बना हुआ है और बातचीत लगातार चल रही है।
'डेडलाइन के हिसाब से बात नहीं करते '
अमेरिका से समझौते की समय सीमा के सवाल पर गोयल ने कहा कि हम डेडलाइन के हिसाब से बात नहीं करते लेकिन संभावनाएं पूरी है। गोयल ने कहा कि अमेरिका में आजकल सरकार शटडाउन मोड में है, इसलिए उसके मद्देनजर देखना पडेगा कि कैसे, कब और कहां बातचीत हो सकती है। यूरोपीय संघ से व्यापार समझौते के संदर्भ में वाणिज्य मंत्री ने कहा कि ब्रुसेल्स में हमारी पूरी टीम मौजूद है और हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता को गहराई से समझते हुए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।
ताकि 27 देशों के 20 ट्रिलियन डॉलर के आकार वाले यूरोपीय संघ और सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के बीच एक बहुत ही न्यायसंगत, निष्पक्ष और संतुलित व्यापार समझौता कर सकें। गोयल ने कहा कि यूरोपीय संघ के पास जो नवाचार और तकनीकी आधार है उसमें भारतीय व्यवसायों के लिए अपार संभावनाएं हैं तथा यूरोपीय और भारतीय कंपनियां मिलकर एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठा सकती हैं।
ईयू से समझौते की समय सीमा पर गोयल ने कहा कि हम बातचीत में अनावश्यक देरी नहीं करेंगे और इस साल के अंत से पहले बातचीत पूरी करने का हर संभव प्रयास करेंगे। वहीं भारत और कतर की कंपनियों की संयुक्त भागीदारी में तीसरे देशों में काम करने की जरूरत बताते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कतर विकास बैंक वित्तपोषण के लिए गारंटी देने को तैयार है। इसलिए मुझे लगता है कि भारतीय कंपनियों को कतर के साथ तीसरे देशों में संयुक्त भागीदारी के प्रोजेक्ट करने चाहिए।
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