'किसानों के हित से नहीं करेंगे समझौता', ट्रेड डील पर भारत का रुख साफ; अब क्यों परेशान हो रहे ट्रंप?
भारत ने अमेरिका को व्यापार समझौते से जुड़े शुल्क पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। भारत कृषि और डेयरी सेक्टर के किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा जिससे अमेरिका परेशान है। राष्ट्रपति ट्रंप के बदलते रुख के कारण समझौते को लेकर अनिश्चितता है। पारस्परिक शुल्क पर अमल को लेकर अमेरिका देशों को पत्र भेजने वाला है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत व्यापार समझौते से जुड़े शुल्क को लेकर अपना रुख अमेरिका के सामने स्पष्ट कर चुका है। अमेरिका के साथ अंतरिम व्यापार समझौते को लेकर बातचीत करने गए राजेश अग्रवाल वापस आ चुके हैं।
माना जा रहा है कि ट्रंप सरकार को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत कृषि और डेयरी सेक्टर से जुड़े किसान और छोटे कारोबारियों के हित से समझौता नहीं करेगा। इससे अमेरिका थोड़ा परेशान है। और अब फैसला अमेरिका को लेना है।
व्यापार शुल्क पर बदलते रहे हैं ट्रंप के रूख
व्यापार शुल्क को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार बदलते रुख से भी सरकार से लेकर व्यापारी तक समझौते को लेकर कुछ भी भरोसे से कहने की स्थिति में नहीं है। अब पारस्परिक शुल्क के अमल को लेकर अमेरिका की सरकार सोमवार से विभिन्न देशों को पत्र भेजने का सिलसिला शुरू करने जा रहा है।
हालांकि साथ में कुछ देशों के साथ व्यापार समझौते की बात भी ट्रंप के तरफ से कही गई है, लेकिन यह साफ नहीं है किन देशों के साथ अमेरिका समझौता करेगा और किन देशों के ऊपर पारस्परिक शुल्क लगाएगा। आठ जुलाई को पारस्परिक शुल्क के स्थगन की अवधि समाप्त हो रही है। पारस्परिक शुल्क अब एक अगस्त से लागू होगा। विभागीय मंत्री से लेकर व्यापार समझौता वार्ता से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी अब सिर्फ ट्रंप के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि सेक्टर में कोई समझौता नहीं चाहता है भारत
सूत्रों का कहना है कि भारत कृषि और डेयरी सेक्टर से जुड़े किसान और छोटे कारोबारियों के हित से समझौता नहीं करना चाहता है। इस बात से ट्रंप नाराज है और व्यापार समझौते में देर हो रही है। सूत्रों का कहना है कि भारत जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) कृषि पदार्थ को छोड़ अन्य कृषि पदार्थों में अमेरिका को शुल्क में राहत देने के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका सभी कृषि पदार्थों के लिए शुल्क में राहत चाहता है। डेयरी आइटम में भारत कोई राहत नहीं देना चाहता है।
कारोबारी शुल्क तय होने के बाद बनाएंगे रणनीति
सूत्रों का कहना है कि व्यापार समझौता अब पूरी तरह से राजनीति फैसले पर निर्भर करेगा। हालांकि इस प्रकार की अनिश्चितता से निर्यातक जरूर प्रभावित हो रहे हैं। निर्यातकों ने बताया कि शुल्क को लेकर स्थिति स्पष्ट हो जाने से वे आगे की कारोबारी रणनीति बना सकेंगे। अमेरिका के साथ आगे का कारोबार अब शुल्क की दरों पर निर्भर करेगा।
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