Gold Card VISA: क्यों कभी हकीकत नहीं बन पाएगा डोनाल्ड ट्रंप का 5 मिलियन डॉलर वाला गोल्ड कार्ड वीजा? जानें कहां फंस रहा पेच
डोनाल्ड ट्रंप के गोल्ड कार्ड वीजा की चर्चा अमीर लोगों में है जो अमेरिकी नागरिकता चाहते हैं। ट्रंप ने कहा था कि यह कार्ड दो सप्ताह में उपलब्ध होगा जिसके बाद व्हाइट हाउस ने वेटिंग लिस्ट के लिए वेबसाइट लॉन्च की। विशेषज्ञों के अनुसार इसे लागू करने में लंबा समय लगेगा। आव्रजन वकीलों का कहना है कि कानूनी ढांचा अमीर लोगों को प्राथमिकता नहीं देता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी नागरिकता हासिल करने करने के लिए दूसरे देशों में रह रहे अमीर लोगों के बीच डोनाल्ड ट्रंप के पांच मिलियन डॉलर के गोल्ड कार्ड वीजा की चर्चा आम है। अमीर लोगों ने इसमें दिलचस्पी भी दिखाई और डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में कहा था कि दो सप्ताह के अंदर ट्रंप कार्ड उपलब्ध होगा। इसके बाद व्हाइट हाउस ने जून में लोगों को वेटिंग लिस्ट में शामिल करने के लिए एक वेबसाइट भी लॉन्च की, लेकिन अब तक कोई औपचारिक योजना नहीं दिखाई दे रही है।
बड़े-बड़े वादों के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर गोल्ड वीजा को कभी लागू किया भी गया तो भी इसमें काफी लंबा समय लगेगा। ट्रंप के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटकिन ने सुझाव दिया है कि गोल्ड कार्ड वीजा मौजूदा इनवेस्टर ईबी-5 वीजा की जगह लेगा और इसके लिए लंबी कतार है। वहीं, इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि अमेरिका में मौजूदा कानूनी ढांचा अमीर लोगों को उन लोगों पर प्राथमिकता देने की इजाजत नहीं देता है, जो कतार में पहले से इंतजार कर रहे हैं।
कानूनी चुनौतियां
बाइडेन प्रशासन में अमेरिकी नागरिकता और इमिग्रेशन सर्विस के पूर्व डायरेक्टर के सीनियर एडवाइजर डग रैंड के मुताबिक, 1990 के कानून के बाद से पिछले 35 सालों में कांग्रेस की ओर से वीजा पात्रता मानदंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रैंड ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा, "ऐसा करने का कोई कानूनी आधार नहीं है और अगर वे फिर भी ऐसा करते हैं, तो उन पर मुकदमा चलाया जाएगा और लगभग निश्चित रूप से वे हार जाएंगे।"
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि आव्रजन मुद्दों पर कांग्रेस के पास पूरी ताकत है और आव्रजन नीति निर्धारित करने में कार्यकारी शाखा पर उसका बर्चस्व है। वहीं, सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज के सीनियर लीगल फेलो जॉर्ज फिशमैन ने कहा कि 1950 के एक फैसले में कोर्ट ने ये भी कहा था कि जब कांग्रेस विदेशों की स्वीकार्यता के संबंध में कोई प्रक्रिया निर्धारित करती है तो वह अकेले ही नहीं विधाई शक्ति से निपट रही होती है। वह एक अंतर्निहित कार्यकारी शक्ति को क्रियान्वित कर रही होती है।
फिशमैन ने कहा कि अदालत के फैसले में यह भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया कि कार्यकारी शाखा कांग्रेस की अनुमति के बिना कार्य कर सकती है। उन्होंने आगे कहा, "मुझे बहुत संदेह है कि यह कांग्रेस की अनुमति के बिना किया जा सकता है।"
अमेरिकी कांग्रेस ने लंबे समय से नहीं किया वीजा कैटेगरी में बदलाव
अमेरिकी कांग्रेस ने 35 सालों में वीजा कैटगरी में कोई बदलाव नहीं किया है और कई बार, जब पिछले प्रशासन ने उनकी शक्तियों के खिलाफ आवाज उठाई तो विधायकों ने भी उनका विरोध किया। इसका एक उदाहरण तब देखा गया जब ओबामा प्रशासन ने अमेरिका में लाए गए बच्चों को कानूनी दर्जा देने की मांग की, या जब होमलैंड सुरक्षा सचिव एलेजांद्रो मेयरकास ने बाइडेन प्रशासन के तहत कांग्रेस की मंजूरी के बिना पैरोल कार्यक्रमों का विस्तार किया। दोनों ही मामलों में, रिपब्लिकन ने तर्क दिया था कि कार्यकारी शाखा ने अपने अधिकार का अतिक्रमण किया है।
ट्रंप और उनकी टीम ने वर्तमान कानून के तहत गोल्ड कार्ड जैसे कार्यक्रम को लागू करने की संभावना को बार-बार बढ़ा-चढ़ाकर बताया है, जबकि ऐसा करने के लिए कोई कानून लाने का प्रयास नहीं किया है।
विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
गोल्ड कार्ड से संबंधित वैधानिक मुद्दों के बीच, इमिग्रेशन वकील अपने ग्राहकों को नए नागरिकता मार्ग से दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं। फिलाडेल्फिया स्थित आव्रजन वकील रॉन क्लास्को ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया कि उन्होंने कनाडा और यूरोप के अपने ग्राहकों को सलाह दी कि वे इस रास्ते पर न चलें, क्योंकि जब तक रास्ता साफ नहीं हो जाता, तब तक प्रतीक्षा सूची में नाम दर्ज कराने का भी कोई फायदा नहीं है।
इसके अलावा, बफेलो स्थित इमिग्रेशन वकील रोसन्ना बेरार्डी ने कहा कि व्हाइट हाउस ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि यह एक नई वीजा श्रेणी होगी या रोजगार पैदा करने वाले विदेशी निवेशकों के लिए मौजूदा वीजा की जगह लेगी। उन्होंने कहा, "यह प्रशासन यह भूल जाता है कि कार्यकारी शाखा कानून नहीं बनाती है।"
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