ट्रंप के टैरिफ से पहले भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता, रक्षा-ऊर्जा समेत इन मुद्दों पर बनी बात
भारत और अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच वर्चुअल माध्यम से वार्ता हुई। इस वार्ता में द्विपक्षीय मुद्दों क्षेत्रीय रक्षा गतिविधियों और रणनीतिक प्राथमिकताओं पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने कारोबार ऊर्जा सुरक्षा परमाणु ऊर्जा दुर्लभ धातुओं के खनन और आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग पर भी बात की। रक्षा सहयोग बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित बनाने पर सहमति बनी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लागू होने की अवधि शुरू होने से एक दिन पहले भारत-अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई है। वार्ता में द्विपक्षीय मुद्दों के साथ ही क्षेत्रीय रक्षा से जुड़ी गतिविधियों एवं साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
दोनों देशों के बीच कारोबार से जुड़े मुद्दों, ऊर्जा सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, दुर्लभ धातुओं के खनन और आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग पर भी बातचीत हुई। यह वार्ता सोमवार को वर्चुअल माध्यम से हुई, जिसके बारे में विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात जानकारी दी। यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन की तरफ से लगाए शुल्क के मुद्दे पर बात हुई या नहीं।
भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू स्तर की वार्ता
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दो दिन पहले कहा था कि दोनों देश संपर्क में हैं। वैसे इस वार्ता का शुल्क संबंधी फैसलों पर असर होने के संकेत नहीं हैं। भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू स्तर की वार्ता में दोनों तरफ के विदेश मंत्री व रक्षा मंत्री शामिल होते हैं।
मंत्री स्तर की वार्ता में जो फैसले किए जाते हैं उनकी समीक्षा के लिए ही मध्यस्थता स्तर की बातचीत होती है। इसमें भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (अमेरिका) नागराज नायडू व रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव विश्वेष नेगी और अमेरिका की तरफ से दक्षिण व मध्य एशिया ब्यूरो (विदेश मंत्रालय का प्रभाग) के वरिष्ठ अधिकारी बेथानी पी. मारीसन और रक्षा मंत्रालय के हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के प्रभारी सह-सचिव जेडीडाह पी रोयाल ने सह-अध्यक्षता की।
दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत
भारत की तरफ से बताया गया है कि दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं। इसके तहत भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को लेकर अगले दस वर्षों के नए फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके तहत रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग, संचालन संबंधी समन्वयन, क्षेत्रीय सहयोग और सूचना साझा करने पर जोर दिया जाता है। दोनों देशों ने क्वाड के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र को ज्यादा सुरक्षित, मजबूत व संपन्न बनाने को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता जताई।
द्विपक्षीय संबंधों को और ज्यादा गहरा बनाने पर जोर
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने बैठक के अंत में एक दूसरे के प्रति आभार व्यक्त किया एवं द्विपक्षीय संबंधों को और ज्यादा गहरा बनाने पर जोर दिया ताकि भारत व अमेरिका की जनता को लाभ हो। सनद रहे कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने को लेकर जो अधिसूचना जारी की थी, वह 27 अगस्त, 2025 से लागू हो रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।