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    म्यूजिशियन, शेफ और योगा टीचर... भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए ब्रिटेन ने खोले दरवाजे; ट्रेड डील से दोगुना फायदा

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 11:21 PM (IST)

    भारत और ब्रिटेन के बीच कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीटा) से भारतीय किसानों एमएसएमई और प्रोफेशनल्स को फायदा होगा। भारतीय युवा खासकर आईटी और वित्तीय सेक्टर से जुड़े ब्रिटेन में डिजिटल सेवाएँ दे सकेंगे। हर साल 1800 शेफ संगीतकार और योगा शिक्षकों को भी वीजा मिलेगा। अनुबंध पर काम करने वालों के लिए वीजा शर्तों में ढील दी जाएगी।

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    संगीतकार और योगा शिक्षकों को भी ब्रिटेन वीजा देगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच कंप्रेहेंसिव इकोनामिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीटा) होने से सिर्फ भारतीय किसान और एमएसएमई को ही फायदा नहीं होगा। भारत के प्रोफेशनल्स युवा से लेकर अनुबंध पर काम करने वाले युवाओं को भी ब्रिटेन में काम करने का मौका मिलेगा। इनकी योग्यता के हिसाब से इन्हें वर्क वीजा मिलेगा।

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    हर साल भारत से 1800 शेफ, संगीतकार और योगा शिक्षकों को भी ब्रिटेन वीजा देगा। भारतीय प्रोफेशनल्स डिजिटल तरीके से भी ब्रिटेन में अपनी सेवा दे सकेंगे। इससे आईटी व वित्तीय सेक्टर से जुड़े युवाओं को लाभ होगा। सबसे बड़ी बात है कि अनुबंध पर काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स को वीजा देने में किसी प्रकार की कोई शर्त नहीं लादी जाएगी।

    12 महीने में दे सकेंगे सेवा

    दोनों देशों के बीच सीटा से संचार, पर्यावरण, शैक्षणिक, वित्त, स्वास्थ्य, सामाजिक, पर्यटन, मनोरंजन, निर्माण व परिवहन सेवा से जुड़े प्रोफशनल्स को ब्रिटेन में काम करने का मौका मिलेगा। अनुबंध पर सेवा देने वाले 24 माह में किसी भी 12 महीने में अपनी सेवा वहां दे सकेंगे। स्वतंत्र प्रोफेशनल्स के लिए भी यही नियम लागू होगा।

    कॉरपोरेट जगत से जुड़े लोगों को तीन साल और जरूरत पड़ने पर और अधिक समय के लिए वीजा दिया जाएगा। आईटी सेक्टर में सेवा देने के लिए भारतीय कामगारों की संख्या पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है। मतलब कितनी भी संख्या में आईटी कामगार ब्रिटेन जा सकेंगे। योगा शिक्षक, संगीतकार और शेफ भी ब्रिटेन में एक साल के लिए अस्थायी रूप से काम करने जा सकेंगे।

    पीएफ की राशि मिलेगी वापस

    • सीटा पर अमल के बाद दोनों देश अगले एक साल में कुछ ऐसे प्रोफेशन का चयन करेंगे जिनसे जुड़े प्रोफेशनल्स दोनों देशों में अपनी सेवा दे सकेंगे। भारत से तीन साल के लिए जाने वाले कामगारों को अब सामाजिक सुरक्षा के नाम पर वित्तीय घाटा भी नहीं उठाना पड़ेगा। अभी किसी भारतीय कामगार को कोई कंपनी ब्रिटेन भेजती है तो सामाजिक सुरक्षा के नाम पर भारत के साथ ब्रिटेन में भी भविष्य निधि (पीएफ) राशि की कटौती की जाती है।
    • लेकिन ब्रिटेन में कटने वाली राशि उस कामगार को वापस नहीं मिल पाती है। अब ब्रिटेन में तीन साल के लिए जाने वाले कर्मचारियों से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। ब्रिटेन के साथ भारत ने भी ब्रिटेन के प्रोफशनल्स को अपने यहां काम करने का मौका देने का समझौता किया है। हालांकि वकालत पेशे को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

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