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    चीन को सीधी टक्कर, अमेरिका को साफ संदेश... इस डील से भारत साधने जा रहा एक तीर से कई निशाने

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 10:00 PM (IST)

    भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने जा रहा है जिससे भारतीय वस्तुओं को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। इससे भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और चीन को टक्कर मिलेगी। एफटीए के बाद टेक्सटाइल लेदर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ेगा। समझौते से अमेरिका को भी संदेश जाएगा।

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    भारत और ब्रिटेन के बीच होगी मगत्वपूर्ण डील। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच इस सप्ताह मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने जा रहा है। इस एफटीए के बाद भारत से निर्यात होने वाली 99 प्रतिशत वस्तुओं पर ब्रिटेन के बाजार में शुल्क नहीं लगेगा। इसका नतीजा यह होगा कि ब्रिटेन के बाजार में भारतीय वस्तुएं चीन की वस्तुओं के मुकाबले सस्ती हो जाएंगी और चीन की जगह भारतीय वस्तुओं को तरजीह मिलेगी।

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    पिछले साल चीन और ब्रिटेन के बीच वस्तु व सेवा को मिलाकर 132 अरब डालर का व्यापार किया गया जबकि भारत और ब्रिटेन के बीच इस अवधि में 58 अरब डालर का व्यापार किया गया। चीन ब्रिटेन को वस्तु व सेवा को मिलाकर कुल 92 अरब डालर का निर्यात करता है जबकि वस्तु व सेवा को मिलाकर भारत का निर्यात ब्रिटेन में लगभग 35 अरब डालर का है।

    चीन के साथ घट रहा ब्रिटेन का व्यापार

    विदेश व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटेन के साथ चीन का कोई एफटीए नहीं है और चीन के साथ ब्रिटेन का व्यापार घट रहा है। पिछले साल ब्रिटेन होने वाले चीन के निर्यात में लगभग पांच प्रतिशत की गिरावट आई है।

    भारत देगा चीन को टक्कर

    भारत के साथ एफटीए के बाद ब्रिटेन के बाजार में टेक्सटाइल, लेदर, लेदर आइटम, जेम्स व ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग गुड्स, केमिकल्स जैसे रोजगारपरक सेक्टर के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। अभी ब्रिटेन के बाजार में चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रीक आइटम काफी अधिक बिकते हैं। भारतीय वस्तुओं पर शुल्क खत्म होने से इन सेक्टर में भारत चीन को टक्कर देगा।

    अमेरिका और यूरोपीय यूनियन भी मांगेगे छूट

    दूसरी तरफ ब्रिटेन की शराब, चॉकलेट और कई अन्य खाद्य पदार्थ के साथ ऑटोमोबाइल, मेडिकल उपकरण अब मात्र 10 प्रतिशत तक के शुल्क पर भारत में आ सकेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में ब्रिटेन को शुल्क में छूट देने से अमेरिका व यूरोपीय यूनियन भी भारत के साथ व्यापार समझौते में इस प्रकार की छूट मांगेगे। इससे भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर को कड़ा मुकाबला करना होगा।

    अमेरिका को भी जाएगा ये संदेश

    ब्रिटेन के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर से अमेरिका को यह संदेश जाएगा कि भारत सिर्फ अमेरिकी बाजार के भरोसे नहीं है। एफटीए हस्ताक्षर के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी ब्रिटेन में मौजूद रहेंगे। हालांकि ब्रिटेन के साथ होने वाले एफटीए पर अमल में छह माह से अधिक का समय लग सकता है क्योंकि एफटीए पर अमल के लिए ब्रिटेन की संसद से मंजूरी लेना अनिवार्य है। भारत में कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इसे अमल में लाया जा सकता है।

    इस एफटीए में सर्विस सेक्टर को भी शामिल किया गया है जिसके तहत दोनों देशों के प्रोफेशनल्स को एक-दूसरे के देश में सेवा देने का आसानी से मौका मिलेगा।

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