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    वैश्विक व्यापार केंद्र बनने की राह पर दिल्ली; दुबई, शंघाई और सिंगापुर शहरों जैसी नीतियाें के तहत होगा काराेबार

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 08:31 PM (IST)

    दिल्ली को वैश्विक व्यापार केंद्र बनाने के लिए नई औद्योगिक नीति का मसौदा तैयार किया गया है। इसमें दुबई शंघाई और सिंगापुर जैसे शहरों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने का सुझाव है। नीति में नियामक अक्षमताओं को दूर करने एसएमई को बढ़ावा देने और आतिथ्य क्षेत्र को विकसित करने पर जोर दिया गया है। प्रगति मैदान और यशोभूमि जैसे स्थानों के पास होटल के कमरे बढ़ाए जाएंगे।

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    दुबई, शंघाई और सिंगापुर शहरों जैसी नीतियाें के तहत होगा दिल्ली में काराेबार।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। औद्योगिक नीति का मसौदा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक शहरों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने का सुझाव है। इसके तहत दुबई, शंघाई और सिंगापुर जैसे दुनिया के शहरों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया जाएगा। दिल्ली को एक वैश्विक व्यापार केंद्र बनाने की भी बात है।

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    दिल्ली औद्योगिक नीति, 2025-35 के मसौदे में कहा गया है कि दिल्ली का व्यावसायिक वातावरण "महत्वपूर्ण नियामक अक्षमताओं" से ग्रस्त है, जिसमें 4-6 महीने की लंबी पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्रक्रिया, कई एजेंसियों की मंज़ूरी, नौकरशाही देरी, भ्रष्टाचार और जटिल कर नीतियां शामिल हैं।

    हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखे गए औद्योगिक नीति के मसौदे में कहा गया है कि इससे व्यवसायों, विशेष रूप से लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) में बाधा आती है, बुनियादी ढांचे का विकास धीमा होता है। इन मुद्दों के समाधान के लिए दिल्ली को एक निर्बाध और पारदर्शी आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए डिजिटल शासन और निवेशक-अनुकूल ढांचों का लाभ उठाने के सुझाव दिए गए हैं।

    मसौदा में आतिथ्य क्षेत्र को बढ़ावा

    दिल्ली को व्यापार और पर्यटन के वैश्विक केंद्र में बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने अपनी औद्योगिक नीति के मसौदे के तहत आतिथ्य क्षेत्र के लिए प्रगति मैदान और यशोभूमि जैसे आइटीपीओ जैसे स्थानों के पास होटल के कमरों की संख्या बढ़ाने सहित कई लक्षित हस्तक्षेपों का प्रस्ताव रखा है।

    नीति दस्तावेज़ के अनुसार, प्रगति मैदान स्थित आइटीपीओ और द्वारका स्थित यशोभूमि जैसे प्रमुख सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्रों के निकट होटल के कमरों की संख्या बढ़ाने और श्रमिक आवास विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। इन पहलों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।

    भीड़भाड़ कम करने और पैदल चलकर काम पर जाने की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए, नीति में औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित वाणिज्यिक केंद्रों के भीतर होटल और सर्विस्ड अपार्टमेंट की अनुमति देने का प्रस्ताव है।

    नाइटलाइफ बढ़ाने पर जोर

    मसौदे के अनुसार ऐसी सुविधाएं 30 मीटर चौड़ी सड़कों पर भी उपलब्ध भूखंडों पर विकसित की जा सकेंगी। नीति में पीपीपी व्यवस्थाओं के माध्यम से सरकारी स्वामित्व वाली सुविधाओं पर पर्यटन से संबंधित सुविधाएं विकसित करने पर भी ज़ोर दिया गया है। इसके अलावा, दिल्ली के पाककला और नाइटलाइफ़ आकर्षण को बढ़ाने के एक बड़े कदम के रूप में मसौदे में नियमों में लचीलापन लाने के साथ साथ एक उचित शराब नीति अपनाकर राजधानी को एक रेस्टोरेंट अनुकूल शहर बनाने की सिफारिश की गई है।