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    स्किल ईकोसिस्टम से जुड़ेगा खेल जगत, ITI और NSTI भी देंगे ट्रेनिंग

    By JITENDRA SHARMAEdited By: Garima Singh
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 09:03 PM (IST)

    कौशल विकास मंत्रालय खेलों को स्किल इकोसिस्टम से जोड़ रहा है। आईटीआई और एनएसटीआई अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ खेल गतिविधियों का भी प्रशिक्षण दे ...और पढ़ें

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    आईटीआई और एनएसटीआई में खेल प्रशिक्षण अनिवार्य होगा

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। दशकों तक इलेक्ट्रीशियन, टेक्नीशियन और वेल्डिंग जैसे पारंपरिक प्रशिक्षण तक सिमटे रहे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अब न सिर्फ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सहित नई पीढ़ी की तकनीक का प्रशिक्षण देने के लिए तैयार हो रहे हैं, बल्कि अब इन्हें एक नई महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी तैयार किया जा रहा है।

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    देश में पहली बार कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने इसकी रूपरेखा पर काम शुरू कर दिया है कि खेलों को स्किल ईकोसिस्टम से जोड़कर लगातार बढ़ती वैश्विक खेल अर्थव्यवस्था के अवसर को भी भुनाया जाए।

    खेलों को रोजगार के अवसर के रूप में बेहतर विकल्प लाने के लिए आइटीआइ और नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनएसटीआई) में खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण अनिवार्य करने की योजना पर काम शुरू हो गया है।

    आईटीआई और एनएसटीआई में खेल प्रशिक्षण अनिवार्य होगा

    वर्ष 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी भारत करेगा। इसके लिए सरकार ऐसा स्पो‌र्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहती है, जो न सिर्फ भविष्य के लिए बेहतर खिलाड़ी तैयार करने का माध्यम बने, बल्कि इसके सहारे खेल अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो।

    इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही अपनी पूरी सांसद निधि खेलों को बढ़ावा देने के लिए खर्च करने वाले कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री जयन्त चौधरी का दृष्टिकोण लगभग समान है। पीएम मोदी पूर्व में कह चुके हैं कि एक मजबूत खेल अर्थव्यवस्था खड़ी करना, लाखों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और मेड-इन-इंडिया खेल उत्पादों को दुनियाभर में पहचान दिलाना हमारा लक्ष्य है।

    2030 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए खेल अर्थव्यवस्था मजबूत होगी

    पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित देश के कई हिस्सों से बेहतरीन खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। जयंत मानते हैं कि जिस तरह की संभावनाएं भारत में खेल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने की है, उसकी तुलना में प्रशिक्षित लोगों की कमी है। चाहे योग हो, फिजियोथैरेपेस्ट हों या किसी भी खेल के लिए ग्राउंड स्टाफ।

    इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर युवाओं को रोजगार के विकल्प दिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिस तरह से भारत राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी कर रहा है, ऐसे में मंत्रालय का विचार है कि खेलों से संबंधित जाब रोल को चिन्हित कर उनके लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार करते हुए उन्हें स्किल ईकोसिस्टम से जोड़ा जाए।

    मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अभी प्राथमिक स्तर पर विचार चल रहा है कि देशभर की 36 एनएसटीआइ और एक हजार आइटीआइ में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए योग, जबकि छात्राओं के लिए सुबह के समय 30 मिनट का सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए।

    युवाओं को खेल क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे

    प्रशिक्षण पूरा होने पर छात्र-छात्राओं को नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के तहत प्रमाण-पत्र दिया जाए। इससे न सिर्फ वह स्वयं कुशल और फिट होंगे, बल्कि वह प्रशिक्षक के रूप में अतिरिक्त आय के लिए भी तैयार होंगे। सरकार का विचार यह भी है कि आइटीआइ और एनएसटीआइ में अनुपयोगी भूमि पर खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाए।

    छात्र यहां प्रशिक्षण लेंगे, साथ ही आमजन शुल्क देकर अन्य समय में इनका उपयोग कर सकते हैं। इससे कोच आदि का खर्च भी निकल सकता है। इसके साथ ही चूंकि मेरठ में खेल उत्पादों का स्थापित उद्योग है, वहां युवाओं में खेलों के प्रति रुचि है। वहीं से सटे हरियाणा में भी खेलों का मजबूत वातावरण है, इसलिए मेरठ के पास सरकार अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट हब बनाने पर भी विचार कर रही है।