भारत में दाल की मांग पूरी करेगा ब्राजील, सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर; लगाए जाएंगे प्रोसेसिंग प्लांट
पांच दशक पहले ब्राजील अपनी खाद्य जरूरतों का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा आयात करता था लेकिन धीरे-धीरे ब्राजील ने कृषि क्षेत्र में इतना सुधार किया कि वर्तमान में 500 अरब डॉलर मूल्य का कृषि पदार्थ निर्यात करने लगा है। ब्रिक्स के सदस्य देशों के साथ बैठक से पहले शिवराज सिंह ने ब्राजील में सोयाबीन उत्पादन प्लांट एवं टमाटर के खेतों सहित अन्य संस्थानों का दौरा किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के लिए ब्रिक्स देश प्रतिबद्ध हैं। भारत ने ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में परस्पर कृषि व्यापार बढ़ाने पर जोर दिया है। ब्राजील में देर रात तक जारी बैठक में ब्रिक्स के सदस्य देशों के साथ कृषि में नई तकनीक एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता हो सकता है।
भारत का जोर सोया तेल के प्रसंस्करण में ब्राजील से मदद लेने एवं दाल आयात पर है। भारत का प्रयास निवेश बढ़ाने का भी होगा, ताकि नई तकनीक से सोया प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा सकें। भारत में सोया तेल की प्रोसेसिंग का काम अगर आगे बढ़ा तो निर्यात भी किया जा सकता है। ब्रिक्स देशों के कृषि मंत्रियों की बैठक में भारत की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भाग ले रहे हैं।
कृषि का 45 प्रतिशत उत्पादन करते हैं ब्रिक्स देश
बैठक का विषय है- 'ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग, नवाचार एवं व्यापार के जरिए समावेशी और सतत कृषि को बढ़ावा देना'। ब्रिक्स समूह ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अंग्रेजी अक्षरों से बना है। अब दस देश इसके सदस्य हो चुके हैं। ब्रिक्स देशों में वैश्विक कृषि का एक तिहाई से अधिक उत्पादन होता है। खाद्य सुरक्षा एवं पोषण में भी बड़ा सहयोग है।
दुनिया के कुल कृषि का 45 प्रतिशत और तेल का 30 प्रतिशत उत्पादन ब्रिक्स देश ही करते हैं। इसी तरह 52 प्रतिशत चावल, 42 प्रतिशत गेहूं और 46 प्रतिशत सोयाबीन का उत्पादन करते हैं। वर्तमान में भारत और ब्राजील के बीच 2-3 अरब डॉलर का कृषि व्यापार होता है। इसे बढ़ाकर 15-20 अरब डालर तक पहुंचाने का प्रयास है। ब्राजील से भारत में मुख्य रूप से उर्वरक, सोयाबीन, खाद्यान्न फसलें, चीनी, मांस एवं सब्जियों का आयात होता है।
ब्राजील से दाल आयात करेगा भारत
- दाल की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को नए देशों की तलाश है, जिसे ब्राजील पूरा कर सकता है। ब्राजील में प्रतिवर्ष 30 लाख टन से ज्यादा दाल का उत्पादन होता है, जहां से वियतनाम, पाकिस्तान और मिस्त्र में निर्यात होता है। हालांकि कुछ समय से भारत में भी दालों का आयात बढ़ रहा है, लेकिन इसे और बढ़ाना है।
- अभी भारत में उड़द की दाल ब्राजील से आ रही है। भारत के कृषि क्षेत्र को ब्राजील से कई प्रेरणा मिल सकती है। उद्देश्य भारत में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए ब्राजील के साथ काम करने का है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रसंस्करण में भी ब्राजील की तकनीक काम आएगी। भारतीय कृषि के विकास में तेजी लाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को भारत आने का न्योता दिया। उन्होंने स्वयं भी खेती की नई तकनीक की जानकारी ली, ताकि उसका इस्तेमाल भारत में किया जा सके।
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