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    Good News: जर्मनी को पीछे छोड़ भारत बनने जा रहा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, अभी कितनी है GDP और कितना आया FDI?

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 05:49 PM (IST)

    पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने बताया कि 2014 से 2025 तक जीडीपी दोगुनी से अधिक होकर 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। 27 करोड़ से अधिक नागरिक गरीबी से बाहर निकले हैं।

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    2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़ भारत बन जाएगा तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था

    नई दिल्ली, आईएएनएस। पेट्रोलियम  मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। पिछले 11 वर्षों में भारत ग्यारहवीं से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

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    हरदीप सिंह पुरी ने यहां इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा, ''हमारी जीडीपी 2014 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर से दोगुनी से अधिक बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गई है।''

    कितने परिवारों को मिल रहा पाइप से पानी?

    मंत्री ने वैश्विक चुनौतियों के दौरान साहसिक सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

    पुरी ने कहा कि प्रमुख सामाजिक पहलों के तहत 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवार अब जलजीवन मिशन के माध्यम से पाइप से पानी का आनंद ले रहे हैं।

    पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ''आयुष्मान भारत ने 5 लाख रुपये के बीमा लाभ के साथ 70 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार किया है, जो समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।''

    कितने अरब डॉलर का एफडीआई हुआ?

    हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने में भारत की सफलता पर जोर दिया, जिसमें 2014 से 2025 के बीच 748 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ। यह पिछले दशक (2004-2014) की तुलना में 143 प्रतिशत ज्यादा है।

    जिन देशों से एफडीआई आया, उनकी संख्या 89 से बढ़कर 112 हो गई है। वार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करने की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 के 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गई।

    AI अब ऑप्शन नहीं, जरूरी है

    मंत्री ने चार्टर्ड अकाउंटेंट से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत एनालिटिक्स को अपनाने, रणनीतिक सलाहकार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नियमित कार्यों को स्वचालित करने और अधिक प्रभावी निर्णय लेने के लिए डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि का उपयोग करने का आह्वान किया।

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    उन्होंने कहा, 'एआई को अपनाना अब वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आज की विकसित होती वित्तीय दुनिया में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए यह आवश्यक है।'

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