ROBOT की दुनिया में भारत के बढ़ते कदम, ऑपरेशन से लेकर ऑटोमाबाइल सेक्टर तक हो रहा इस्तेमाल
ROBOT हाल ही में चंद्रयान 3 की सफलता इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत ने तकनीकी राह पर पांव जमा लिए हैं। इसी कड़ी में देश अब रोबोट की दुनिया में भी अपना परचम बुलंद करने की राह पर है। देश में रोबोट के निर्माण के लिए रॉ मटेरियल से लेकर रिसर्च और इसके डेवलपमेंट का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। मौजूदा वक्त में आज हम सभी मशीनों से जुड़े हुए हैं। फोन से लेकर कम्प्यूटर एक मशीन के रूप में हमारे लिए काम कर रहे हैं। इनका उपयोग कर हम सभी अपने कामों की राह आसान करते हैं। जैसे-जैसे हम तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे तकनीक हमारे कामों को सरल करती जा रही है। इसी का एक उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) है, जिसने टेक्नोलॉजी जगत में एक बड़ी मिसाल कायम की। इसी क्रम में देश दुनिया में बड़ी ऊंचाइयां छू रहा है।
हाल ही में चंद्रयान 3 की सफलता इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत ने तकनीकी राह पर पांव जमा लिए हैं। इसी कड़ी में देश अब रोबोट की दुनिया में भी अपना परचम बुलंद करने की राह पर है। वर्तमान में रोबोटिक्स के क्षेत्र में भारत चीन, जापान और अमेरिका व उत्तरी कोरिया देशों से पीछे है। लेकिन सरकार अब एक ऐसी रणनीति पर काम कर रही है जिससे रोबोटिक्स की दुनिया में भारत अपना नाम रोशन करेगा।
देश में की जाएगी RIU यूनिट विकसित
मिली जानकारी के अनुसार, देश में रोबोट के निर्माण के लिए रॉ मटेरियल से लेकर रिसर्च और इसके डेवलपमेंट का पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। इस तरह के काम के लिए रोबोटिक्स इनोवेशन यूनिट (RIU) स्थापित की जाएगी। यह भारत सरकार के अंतर्गत इलेक्ट्रिोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन होकर एक स्वतंत्र संस्था के रूप में काम करेगी।
दुनिया भर में 30 लाख औद्योगिक रोबोट

भारत में रेस्त्रां से लेकर अस्पताल में रोबोट मशीन का उपयोग भली प्रकार किया जा रहा है। लेकिन इस कड़ी में देश अन्य सेक्टरों में भी अनुसंधान करेगा। इंटरनेशन फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स (IFR) के आंकड़ों की माने तो दुनिया भर में 30 लाख औद्योगिक रोबोट मैन्यूफैक्चरिंग के काम से जुड़े हैं। इनमें लगभग 78 फीसदी रोबोट चीन, जापान, अमेरिका, जर्मनी और दक्षिण कोरिया में कार्यरत हैं।
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बता दें, इनके इस्तेमाल में चीन सबसे अव्वल है। चीन ने साल 2022 में 2.7 लाख से ज्यादा रोबोट को मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से जोड़ा गया है। भारत में सभी सेक्टर को मिलाकर लगभग 33 हजार रोबोट काम में जुटे हैं। साल 2021 में 1.2 लाख यूनिट प्रोफेशनल्स सर्विस रोबोटों की बिक्री हुई। विश्व स्तर पर प्रोफेशनल्स सर्विस रोबोट का बिजनेस 6.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
ये होते हैं रोबोट के कॉम्पोनेंट्स
बता दें, रोबोट को बनाने में एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ एक्चुएटर्स, मोटर्स, गियरबॉक्स, पीसीबी, चिप्स, बैट्री और सेंसर जैसे कॉम्पोनेंट्स इस्तेमाल होते हैं। हालांकि इनकी कमी पूरी करने के लिए घरेलू स्तर पर कनेक्टिविटी पूरी तरह से बन नहीं पाई है। सरकार कच्चे माल के आयात से बचना चाहती है। इसलिए इन्हें घरेलू स्तर पर तैयार करने की कोशिश की जार ही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के प्रयोग से इसकी कार्य क्षमता व कुशलता और बढ़ जाएगी।

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