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    Human Development Index: मानव विकास सूचकांक में भारत 132वें स्थान पर खिसका, वर्ष 2020 में 131 वें स्थान पर था देश

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Fri, 09 Sep 2022 04:30 AM (IST)

    रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास सूचकांक राष्ट्र के स्वास्थ्य शिक्षा और औसत आय का संकेतक होता है। यह वैश्विक गिरावट के अनुरूप है जो दर्शाता है कि दुनिया भर में मानव विकास 32 वर्षों में पहली बार ठप हो गया है।

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    131 से 132 वें स्थान पर पहुंचे भारत का एचडीआइ मान 0.633 है

    नई दिल्ली, एजेंसियां: मानव विकास सूचकांक (एचडीआइ) के मामले में भारत 2021 में 191 देशों की सूची में 132 वें स्थान पर रहा। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का एचडीआइ मान 0.633 है। वर्ष 2020 में भारत 0.645 एचडीआइ मान के साथ 131वें स्थान पर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए जीवन प्रत्याशा में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। भारत में जीवन प्रत्याशा 69.7 से घटकर 67.2 वर्ष हो गई है।

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    रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास सूचकांक राष्ट्र के स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय का संकेतक होता है। यह वैश्विक गिरावट के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि दुनिया भर में मानव विकास 32 वर्षों में पहली बार ठप हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव विकास सूचकांक की हालिया गिरावट की बड़ी वजह जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट है, जो 2019 में 72.8 साल से घटकर 2021 में 71.4 साल हो गई। नवीनतम मानव विकास रिपोर्ट अनसर्टेन टाइम्स, अनसेटल्ड लाइव्स: शेपिंग अवर फ्यूचर इन ए ट्रांसफार्मिंग व‌र्ल्ड में अनिश्चितता की आशंकाएं जताई गई हैं।

    एचडीआइ मानव विकास के तीन प्रमुख आयामों पर प्रगति को मापता है - एक लंबा और स्वस्थ जीवन, शिक्षा तक पहुंच और अच्छा जीवन स्तर। इसकी गणना चार संकेतकों - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय का उपयोग करके की जाती है। रिपोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि पिछले एक दशक में तनाव, उदासी, क्रोध और ¨चता बढ़ रही है, जो अब रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है।