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    भारत को नहीं मिल पा रहे रेअर अर्थ मैग्नेट, चीन के सामने कई बार मुद्दा उठा चुका विदेश मंत्रालय; ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री परेशान

    Updated: Sun, 08 Jun 2025 10:00 PM (IST)

    भारत सरकार ने चीन के विदेश मंत्रालय के सामने रेअर अर्थ मैग्नेट के आयात में हो रही समस्या का मुद्दा उठाया है। यह धातु ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन चीन ने इसके निर्यात पर रोक लगाई है। भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों का कहना है कि अगर जल्द ही आयात शुरू नहीं हुआ तो वाहन निर्माण मुश्किल होगा।

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    चीन ने इस तरह के छह बहुमूल्य धातुओं के निर्यात पर रोक लगाई हुई है (फोटो: रॉयटर्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेअर अर्थ मैग्नेट आयात नहीं होने का मुद्दा भारत सरकार ने चीन के विदेश मंत्रालय के समक्ष दो बार उठा दिया है लेकिन अभी तक चीन की तरफ से इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया है कि वह भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की समस्या दूर करने को लेकर गंभीर है।

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    पिछले हफ्ते चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने चीन के उप-विदेश मंत्री सुन वीडोंग से मुलाकात की और ऑटोमोबाइल उद्योग में इस्तेमाल होने वाले रेअर अर्थ मैग्नेट के आयात से जुड़े मद्दे को उठाया। इस बहुमूल्य धातु का इस्तेमाल ऑटोमोबाइल निर्माण में बहुत जरूरी होता है। चीन ने इस तरह के छह बहुमूल्य धातुओं के निर्यात पर रोक लगाई हुई है।

    गियर से लेकर स्टीयरिंग में इस्तेमाल

    भारत के ऑटोमोबाइल कंपनियों का कहना है कि अगर अगले महीने से इस धातु के आयात को शुरू नहीं किया गया तो घरेलू स्तर पर वाहन निर्माण करना मुश्किल होगा। रेअर अर्थ मैग्नेट का इस्तेमाल वाहनों के मोटर में होता है। चाहे गियर बदलने की सिस्टम हो या विंडो को उपर-नीचे करने वाले मोटर का निर्माण हो या ब्रेक्स, विंडशील्ड्स वाइपर्स, पावर स्टीयरिंग आदि में भी इसका इस्तेमाल होता है।

    ऑटोमोबाइल सेक्टर इसकी दिक्कतों को समझते हुए सरकार के पास गुहार लगा रही है कि वह इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठाये। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे को दो-तीन बार कूटनीतिक स्तर पर चीन के समक्ष उठाया जा चुका है। चीन की तरफ से पूरे प्रकरण पर तर्कसंगत और आपसी हितों को देखते हुए विचार किये जाने की बात कही गई है।

    ईयू और अमेरिका को हो रहा एक्सपोर्ट

    • लेकिन अभी तक इस बात का संकेत नहीं है कि वह उक्त बहुमूल्य धातुओं के निर्यात को लेकर कोई नरमी दिखाएगा। भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों के अधिकारियों का भी कहना है कि अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। जबकि इस बात की सूचना है कि यूरोपीय संघ के लिए और अमेरिका के लिए चीन ने रेअर अर्थ मैग्नेट के निर्यात को लेकर नरमी का रुख अख्तियार किया हुआ है।
    • यूरोपीय की कंपनियों को रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति बहाल भी की गई है। जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वार्ता के बाद अमेरिकी कंपनियों को किये जाने वाले निर्यात को फिर से शुरू किये जाने के संकेत हैं। भारतीय ऑटोमोबोइल उद्योग ने पूरे मुद्दे पर चीन के आपूर्तिकर्ताओं से सीधे तौर पर बात करने का फैसला किया है। इनका एक दल इस हफ्ते चीन की यात्रा पर जाने की तैयारी में है।
    • रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति बाधित होने का भारत की इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों पर भी काफी प्रभाव पड़ने की आशंका है। मई, 2025 के आंकड़े बताते हैं कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 30 फीसद, तीपहिया ई-वाहनों की बिक्री में 21 फीसद और पर्सनल ई-कारों की बिक्री में 53 फीसद और वाणिज्यक ई-वाहनों की ब्रिक्री में 82 फीसद की वृद्धि हुई है। लेकिन अगर चीन ने उक्त धातु के निर्यात का नहीं खोला तो बिक्री की इस रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है।

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