काम नहीं कर रहा ट्रंप का टैरिफ फार्मूला... भारत, रूस और चीन में बढ़ रही दोस्ती; अब क्या करेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति?
रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी दबाव के बीच भारत रूस और चीन के बीच नए कूटनीतिक संबंध बन रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा और विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का संकेत है। जयशंकर ने कहा कि रिश्ते आपसी सम्मान और हितों पर आधारित होने चाहिए। वांग यी एनएसए अजित डोभाल से भी मिलेंगे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रूस से तेल खरीदने को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कारोबारी सलाहकार पीटर नवारो की भारत पर दबाव बनाने वाली टिप्पणियों के बीच भारत, रूस और चीन नई कूटनीतिक इबारत लिखते दिख रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ और बदलती वैश्विक व्यवस्था के मद्देनजर इन तीनों देशों के बीच समीकरण नए स्तर पर पहुंच रहा है। इस क्रम में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का स्पष्ट संकेत दे रही है।
भारत दौरे पर चीनी विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते आपसी आदर, आपसी संवेदनशीलता और परस्पर हितों के आधार पर तय होने चाहिए। सोमवार को दो दिवसीय भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक में जयशंकर ने यह बात कही। वांग यी के नई दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद जयशंकर के साथ उनकी टीम की मुलाकात हुई।
वांग यी मंगलवार को भारत के एनएसए अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें दोनों पक्ष सीमा विवाद के स्थायी हल के लिए गठित विशेष दल की वार्ता का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मंगलवार को सुबह 11 बजे वांग और डोभाल की मुलाकात सीमा वार्ता के विशेष प्रतिनिधि (एसआर) के तौर पर होगी।
पीएम मोदी करेंगे जल्द करेंगे चीन का दौरा
वांग का भारत दौरा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित चीन दौरे से पहले अहम माना जा रहा है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच भी इस दौरे की कूटनीतिक महत्ता बढ़ गई है। वांग यी के साथ सोमवार को बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्तों से जुड़े तकरीबन हर मुद्दे का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हमारे रिश्तों में कठिन समय देखने के बाद दोनों देशों को अब आगे बढ़ने की ओर देखना चाहिए। साथ ही जयशंकर ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए मंगलवार को होने वाली बैठक का जिक्र किया और उम्मीद जताई कि दोनों देश सीमा पर तनाव खत्म करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
गलवान के बाद तल्ख हुए दोनों देशों के रिश्ते
अप्रैल-मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था, जिसे अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद ही सुलझाया जा सका।
जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी भारत के लिए बहुत जरूरी बताया। दोनों देशों के बीच इस बारे में विस्तार से बात हुई है। खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र के जरिये आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने में भारत ने चीन का सहयोग मांगा है। पहलगाम हमले के दोषी टीआरएफ को अभी तक संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित संगठन घोषित नहीं किया गया है।
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