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    ब्रिटेन ने भारत को बताया 'अंतरराष्ट्रीय दमनकारी', विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब; रिपोर्ट की साख पर उठे सवाल

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Sat, 02 Aug 2025 02:00 AM (IST)

    ब्रिटिश संसदीय रिपोर्ट में भारत पर अंतरराष्ट्रीय दमन में शामिल होने के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने बेबुनियाद बताया है। मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि ये आरोप असत्यापित और संदिग्ध स्त्रोतों से आए हैं जो प्रतिबंधित संस्थाओं और भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यक्तियों से जुड़े हैं। रिपोर्ट में भारत के खिलाफ आरोप खालिस्तानी संगठनों के हवाले से दिए गए हैं।

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    विदेश मंत्रालय ने कहा, "अविश्वसनीय स्त्रोतों पर जानबूझकर निर्भरता रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।"

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने ब्रिटिश संसदीय रिपोर्ट को "बेतुका" बताते हुए खारिज कर दिया, जिसमें भारत को उन देशों में शामिल किया गया था जिन पर ब्रिटेन में 'अंतरराष्ट्रीय दमन' में लिप्त रहने का आरोप है। इस बेबुनियाद रिपोर्ट में भारत के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप खालिस्तानी संगठनों के हवाले से दिए गए हैं।

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    विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ये आरोप 'असत्यापित' और 'संदिग्ध स्त्रोतों' से उत्पन्न हुए हैं, जो मुख्य रूप से प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, "हमने रिपोर्ट में भारत के संदर्भ देखे हैं और इन बेतुके आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।"

    उन्होंने कहा, "ये दावे असत्यापित और संदिग्ध स्त्रोतों से उत्पन्न होते हैं, जो स्पष्ट, प्रलेखित इतिहास वाले प्रतिबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों से जुड़े हैं, जो भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण हैं।"

    जायसवाल ने कहा, "अविश्वसनीय स्त्रोतों पर जानबूझकर निर्भरता रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।"

    ब्रिटिश संसद की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

    ब्रिटिश संसद की मानवाधिकार संयुक्त समिति द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में भारत को चीन, मिस्त्र, इरिट्रिया, ईरान, पाकिस्तान, रूस, बहरीन, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात के साथ उन देशों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है जो कथित तौर पर ब्रिटेन में "अंतरराष्ट्रीय दमन" में लिप्त हैं।

    "ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन" शीर्षक वाली यह रिपोर्ट 30 जुलाई को सार्वजनिक की गई थी। रिपोर्ट में भारत से संबंधित कुछ विवरण एक खालिस्तानी संगठन "सिख्स फार जस्टिस" (एसजेएफ) के हवाले से दिए गए हैं, जिसे भारत में अवैध गतिविधियों (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया हैं।

    इसके अलावा, ब्रिटेन स्थित कुछ अन्य सिख समूहों का भी उल्लेख है जो भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त बताए जाते हैं।

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