राजस्थान में टूटा 70 साल का रिकॉर्ड, हिमाचल में भी बारिश से तबाही; पहाड़ से मैदान तक बुरा हाल
मानसून के कारण पहाड़ी और मैदानी इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त है। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा 3 अगस्त तक स्थगित है वहीं केदारनाथ यात्रा भी भूस्खलन के कारण रुकी है। हिमाचल में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं और राजस्थान में भारी वर्षा से 16 जिलों के स्कूल बंद हैं। श्री अमरनाथ यात्रा को भारी बारिश के कारण स्थगित कर दिया गया है।

जागरण, नई दिल्ली। मानसून के कारण पहाड़ी राज्यों के साथ ही मैदानी इलाकों में आम जनजीवन प्रभावित है। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा को भारी वर्षा के कारण तीन अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
वहीं केदारनाथ यात्रा भी भारी बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन के कारण तीसरे दिन भी स्थगित रही। हिमाचल में तीन जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। उधर राजस्थान में भारी वर्षा के कारण 16 जिलों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
हिमाचल के लाहौल घाटी में शुक्रवार को तीन जगह बादल फटे। बाढ़ आने से उदयपुर-किलाड़ सड़क भी बंद हो गई जिसे शाम को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बहाल कर दिया।
फोरलेन पर फंसे रहे सैंकड़ों वाहन
दूसरी घटना लाहौल की यांगला घाटी में हुई। जहां बाढ़ आने से लोगों ने भागकर जान बचाई। बादल फटने की तीसरी घटना लाहौल के जिस्पा में हुई। कांगड़ा जिले में मूसलधार वर्षा से सात पशुशालाएं और दो मकान गिर गए। हरिपुर तहसील के तहत गुलेर गांव में 76 वर्षीय कमल किशोर की ढांक से गिरने के कारण मौत हो गई।
सिल्ट बढ़ने से जिला चंबा की बाजोली-होली और ग्रीनको बुधिल पनविद्युत प्रोजेक्ट को सुरक्षा कारणों से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। वहीं कीतरपुर-मनाली फोरलेन पर मंडी के पंडोह के पास कैंचीमोड़ व बिलासपुर के समलेटू में भूस्खलन से करीब नौ घंटे बाधित रहा।
इससे सैकड़ों वाहन फोरलेन के दोनों किनारों पर फंसे रहे। भारी बारिश के कारण तीन अगस्त तक श्री अमरनाथ यात्रा स्थगित श्री अमरनाथ यात्रा को तीन अगस्त तक स्थगित कर दिया गया है।
भारी वर्षा के कारण यात्रा मार्ग की मरम्मत के चलते और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। बालटाल और पहलगाम दोनों यात्रा मार्गों पर मरम्मत और रखरखाव कार्य किए जा रहे हैं। भारी वर्षा के कारण शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से भी लगातार दूसरे दिन श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना नहीं किया गया। कश्मीर के मंडलायुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बालटाल मार्ग पर मरम्मत कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे 450 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला
उत्तराखंड में वर्षा व भूस्खलन से परेशानी बढ़ी हुई है। भूस्खलन के कारण तीन दिन से अवरुद्ध गौरीकुंड हाईवे को शुक्रवार को भी नहीं खोला जा सका जिसके कारण केदारनाथ यात्रा स्थगित रही। बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे 450 से अधिक यात्रियों को एनडीआरएफ व एसडीआरएफ ने जंगल के बीच से बनाए गए वैकल्पिक रास्ते से निकालकर सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया।
केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले पांच हजार से अधिक यात्रियों को सोनप्रयाग पड़ाव में ही रोका गया है। यात्री मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। वर्षा और लगातार मलबा आने से हाईवे खोलने में विलंब हो रहा है।
मौसम विभाग ने शनिवार को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल व बागेश्वर में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में आफत बनी भारी बारिश राजस्थान में पिछले तीन दिनों से हो रही भारी वर्षा ने जनजीवन को प्रभावित किया है। शुक्रवार को श्रीगंगानगर से छत्तरगढ़ जाने वाली सड़क तेज बहाव में बह गई।
राजस्थान में बारिश बनी आफत
वहीं धौलपुर और सवाईमाधोपुर जिले में सेना की कुछ टीमें हालात पर काबू करने में जुटी हैं। प्रदेश के 16 जिलों में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया। पार्वती नदी में एक मिनी ट्रक चालक और उसका साथी बह गए, जिनकी तलाश जारी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 458 नागौर-राजसमंद को भी भारी वर्षा के कारण बंद कर दिया गया। सीकर में मकान का एक हिस्सा गिरने से बच्चे की मौत हो गई। श्रीगंगानगर के जैतसर गांव में एक स्कूल भवन और दुकान गिर गए, लेकिन सौभाग्यवश कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राजस्थान में लगभग सात दशकों में सबसे ज्यादा वर्षा वाला जुलाई महीना रहा है। राज्य भर में कुल 285 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
यह भी पढ़ें: Viral Video: इंडिगो की फ्लाइट में यात्री ने मुस्लिम शख्स को जड़ा थप्पड़, मच गया हंगामा
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।