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    'कला की आजादी का मामला...' बैटल ऑफ गलवान के टीजर से बौखलाया चीन, भारत ने दिया करारा जवाब

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 04:54 PM (IST)

    भारत सरकार ने सलमान खान की फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' पर चीनी मीडिया के दावों का खंडन किया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत में 'कलात्मक स्वतंत्रता' है और ...और पढ़ें

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    भारत ने 'बैटल ऑफ गलवान' पर चीनी दावों को खारिज किया (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने सलमान खान स्टारर फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान'पर चीनी मीडिया के दावे का खंडन किया है। NDTV की खबर के अनुसार सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि भारत में 'कलात्मक स्वतंत्रता' है।

    फिल्म निर्माताओं को इस स्वतंत्रता का इस्तेमाल करके फिल्में बनाने का अधिकार है। यह बात तब कही गई जब चीनी मीडिया ने दावा किया कि सलमान खान स्टारर 'बैटल ऑफ गलवान' में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

    यह फिल्म पूर्वी लद्दाख के गलवान में साल 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़पों पर आधारित है। फिल्म में सलमान खान 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू का किरदार निभा रहे हैं। बता दें संतोष बाबू घुसपैठ करने वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।

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    भारत ने 'बैटल ऑफ गलवान' पर चीनी दावों को खारिज किया

    भारत ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि इस भीषण हाथापाई में उसके 20 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं चीन (जिसने पहले झड़प में किसी भी नुकसान से इनकार किया था) बाद में दावा किया कि उसके चार सैनिक मारे गए।

    NDTV के अनुसार, 'भारत अभिव्यक्ति की आजादी वाला देश है। सिनेमाई अभिव्यक्ति इसका एक अभिन्न अंग है। भारतीय फिल्म निर्माता इस कलात्मक स्वतंत्रता के अनुसार फिल्में बनाने के लिए स्वतंत्र हैं।

    जिन लोगों को इस खास फिल्म को लेकर कोई चिंता है, वे किसी भी स्पष्टीकरण के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं। इस फिल्म में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।'

    सरकार नेफिल्म निर्माताओं की कलात्मक स्वतंत्रता का समर्थन किया

    बता दें झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। जिससे सेना ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गलवान घाटी के पास टुकड़ियों को तैनात किया। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक आर्टिकल में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में जून 2020 की झड़प की जो घटनाएं दिखाई गई हैं, वे तथ्यों से मेल नहीं खातीं हैं।

    आर्टिकल में लिखा था, 'बॉलीवुड फिल्में ज्यादा से ज्यादा मनोरंजन पर आधारित, भावनाओं से भरी कहानी दिखाती हैं, लेकिन सिनेमाई बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने से इतिहास को फिर से नहीं लिखा जा सकता। चीन के संप्रभु क्षेत्र की रक्षा करने के PLA के संकल्प को हिलाया नहीं जा सकता।'

    ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में झूठा दावा किया गया है कि गलवान घाटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के चीनी तरफ है। यह जून 2020 की झड़पों की जिम्मेदारी भारत पर डालता है। दावे के अनुसार भारतीय सैनिकों ने LAC पार की और लड़ाई को उकसाया था।