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    सिंधु जल संधि पर भारत ने फिर पाकिस्तान को दिखाया आईना, सीमा पार आतंकवाद पर जमकर घेरा

    Updated: Sat, 31 May 2025 09:37 PM (IST)

    भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के उल्लंघन का आरोप लगाने से मना किया है। पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान का सीमा पार आतंकवाद संधि के कार्यान्वयन में बाधा डाल रहा है। उन्होंने दुशांबे में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में कहा कि संधि पर हस्ताक्षर के बाद से परिस्थितियाँ बदल गई हैं इसलिए संधि के दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन जरूरी है।

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    भारत ने सिंधु संधि के दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता जताई (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के उल्लंघन के लिए उसे दोषी ठहराना बंद कर देना चाहिए क्योंकि उसकी धरती से लगातार जारी सीमा पार आतंकवाद संधि के कार्यान्वयन में बाधा डाल रहा है।

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    तजाकिस्तान के दुशांबे में ग्लेशियरों पर पहले संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद के माध्यम से संधि का उल्लंघन कर रहा है। विकसित देशों को ग्लेशियरों की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए सिंह ने कहा कि वैश्विक उत्सर्जन में सबसे अधिक योगदान देने वाले देशों को उन्हें बचाने के लिए तत्काल और मजबूत उत्सर्जन कटौती का नेतृत्व करना चाहिए।

    संधि के दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन पर जोर

    कहा कि ग्लेशियर हर जगह पीछे हट रहे हैं। भारत का व्यापक हिमालयी क्षेत्र इन प्रभावों को पहली बार अनुभव कर रहा है। बहरहाल, उन्होंने कहा कि 'हम पाकिस्तान द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने तथा ऐसे मुद्दों का अनावश्यक उल्लेख करने के प्रयास से स्तब्ध हैं क्योंकि ऐसे अनावश्यक मुद्दे इस मंच के दायरे में नहीं आते। हम इस तरह के प्रयास की कड़ी निंदा करते हैं।'

    उन्होंने कहा कि यह एक निर्विवाद तथ्य है कि सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से परिस्थितियों में बुनियादी बदलाव हुए हैं। इसके लिए संधि के दायित्वों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि इन परिवर्तनों में तकनीकी प्रगति, जनसांख्यिकीय परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन और सीमा पार आतंकवाद का खतरा शामिल है। उन्होंने कहा कि संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि इसे सद्भावना और मैत्री की भावना से संपन्न किया गया था। इस संधि का सद्भावपूर्वक सम्मान करना आवश्यक है।

    पाकिस्तान को जमकर घेरा

    • उन्होंने कहा, 'मगर, पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी सीमा पार आतंकवाद संधि के प्रविधानों के अनुसार इसके कार्यान्वयन में बाधा डालता है। पाकिस्तान स्वयं संधि का उल्लंघन कर रहा है। उसे संधि के उल्लंघन का दोष भारत पर डालने से बचना चाहिए।'
    • गौरतलब है कि ग्लेशियरों के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा था कि उनका देश भारत को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित रखकर लक्ष्मण रेखा पार करने और लाखों लोगों के जीवन को खतरे में डालने की अनुमति नहीं देगा।
    • पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने शरीफ के हवाले से कहा, 'सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध फैसला बेहद खेदजनक है।'

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