बांग्लादेश के साथ संबंधों को सामान्य करना चाहता है भारत, विक्रम मिसरी बोले- 'भविष्य की तरफ देखें'
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध आपसी हितों पर आधारित हैं इन्हें पुराने चश्मे से नहीं देखना चाहिए। भारत भविष्योन्मुखी एजेंडे पर काम करने को तैयार है। भारत बांग्लादेश में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं जिस पर काम किया जा सकता है। उन्होंने आर्थिक संबंधों कनेक्टिविटी परियोजनाओं जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

जयप्रकाश रंजन, जागरण, नई दिल्ली। भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को सामान्य बनाने के लिए सकारात्मक संकेत दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा है कि भारत और बांग्लादेश के संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित हैं और इसे पुराने समय के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को भविष्योन्मुखी एजेंडे पर काम करना चाहिए।
मिसरी ने यह बात बांग्लादेश के पत्रकारों के समक्ष कही, जिन्हें भारत के विदेश मंत्रालय ने आमंत्रित किया था। मिसरी का यह बयान तब आया है जब मोहम्मद युनुस सरकार ने बांग्लादेश में आम चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में भारत ने यह संकेत भेजा है कि आम चुनाव के बाद वहां गठित होने वाली सरकार के साथ वह सामान्य तरीके से संबंधों को आगे बढ़ाने को तैयार है।
बांग्लादेश से संबंधों में खटास
भारत और बांग्लादेश के संबंधों में हाल के समय में कुछ दूरी आई है, विशेषकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त 2024 में वहां सत्ता से बेदखल करने के बाद से। हसीना को भारत समर्थक नेता माना जाता था, और उनकी जगह पर आई युनुस सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो भारत के हितों के खिलाफ हैं, जैसे पाकिस्तान और चीन के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने बांग्लादेश से होने वाले आयात को बाधित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
शेख हसीना के कार्यकाल में दोनों पड़ोसी देशों के संबंध जितने प्रगाढ़ थे, वह अभी उतने ही कमजोर हैं। ऐसे में भारत के विदेश सचिव ने सोमवार को बांग्लादेशी पत्रकारों के समक्ष अपनी सरकार की पूरी स्थिति साफ की और यह संदेश दिया है कि भारत भविष्य की तरफ देखने को तैयार है।
विदेश सचिव मिसरी ने साझेदारी पर दिया जोर
विदेश सचिव मिसरी ने कहा कि पिछले कई वर्षों के दौरान भारत और बांग्लादेश के संबंध पारस्परिक हितों पर आधारित रहे हैं और हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह बहुत ही दयनीय होगा कि पीछे हासिल लाभों को हम गंवा दें। हो सकता है कि मौजूदा समय में हमने अलग-अलग तरीके से चीजों को देखा हो लेकिन हमें भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण से देखना चाहिए। दुनिया बहुत ही तेजी से बदल रही है।
भारत व बांग्लादेश में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं जिस पर पहले भी हम काम कर चुके हैं और इसमें कोई शक नहीं कि आगे भी कर सकते हैं। मिसरी ने जोर देकर कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सहयोग के केंद्र में आम जनता के हित होंगे। उन्होंने आर्थिक संबंधों, कनेक्टिविटी परियोजनाओं, स्टार्टअप, ऊर्जा और हेल्थ केयर जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों के बीच जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत है। जब मिसरी से पूर्व पीएम हसीना को भारत में शरण देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक न्यायिक और कानूनी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा- 'इस पर दोनों देशों की सरकारों को बातचीत और मशविरा करने की जरूरत है। भारत इस पर बांग्लादेश सरकार के साथ बात करने को तैयार है। इस बारे में इससे ज्यादा अभी कुछ कहना रचनात्मक नहीं होगा।'
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