ढाका के अस्पताल में हसीना के मंत्री ने तोड़ा दम, आखिरी समय में भी यूनुस की पुलिस ने नहीं खोली हथकड़ी, फोटो वायरल
बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों में है। अवामी लीग के नेता नूरुल मजीद हुमायूं की अस्पताल में हथकड़ी से बंधी तस्वीरें वायरल होने से विवाद शुरू हुआ। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया और जांच की मांग की। सरकार ने तस्वीर को फ़र्ज़ी बताकर आरोपों को खारिज कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार मानवाधिकार उल्लंघन के एक मामले में आरोपों के घेरे में है। ये पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब अवामी लीग के एक वरिष्ठ नेता और शेख हसीना सरकार में उद्योग मंत्री रहे नूरुल मजीद महमूद हुमायूं का ढाका के अस्पताल में निधन हो गया।
उनके निधन के बाद अस्पताल के बिस्तर पर हथकड़ी से बंधे हुमायूं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिससे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों में आक्रोश फैल गया। हुमायूं 2024 में बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हत्या और बर्बरता के मामलों में गिरफ्तार होने के बाद से जेल में बंद थे।
Nurul Majid Mahmud Humayun, a 75-year-old veteran of Bangladesh’s 1971 Liberation War, former Industries Minister, and senior Awami League leader, passed away while undergoing treatment in jail custody at Dhaka Medical College Hospital (DMCH).
The day before his death, he was… pic.twitter.com/t582kBShJY
— Mohammad Ali Arafat (@MAarafat71) September 30, 2025
जेल प्रशासन ने क्या कहा?
जेल अधिकारियों ने वायरल तस्वीरों पर बयान देते हुए कहा कि, ''ये तस्वीरें उस समय की है जब हुमायूं अस्पताल में भर्ती होने आए थे।'' बुधवार को जारी किए गए एक बयान में जेल प्रशासन ने कहा कि, ''वे हर कैदी के मानवाधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम करते हैं, और पूर्व मंत्री हुमायूं के मामले में भी यही बात लागू होती है।''
वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश
हालांकि इस मामले में विवाद शांत होनेका नाम नहीं ले रहा है। वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा कि।, ''बुज़ुर्ग और बीमार नूरुल मजीद को हथकड़ी लगाना, चाहे उनकी मौत से पहले हो या बाद में, मानवाधिकारों का साफ़ तौर पर उल्लंघन है।'' साथ ही वे इसकी उचित जांच की मांग कर रहे है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसी घटनाएं दुबारा न हो आइल किये ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए ।''
सरकार ने दावे को किया खारिज
बांग्लादेश के गृह सचिव मोहम्मद नसीमुल गनी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को सिरे से खारिज कर दिया और इसे छेड़छाड़ किया हुआ बताया। उन्होंने कहा कि, 'यह मंत्री की मौत के बाद फैलाए गए गलत सूचना अभियान का एक हिस्सा है। ''
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह तस्वीर फ़र्ज़ी है। पूर्व मंत्री हुमायूं अपने परिवार और डॉक्टरों के साथ अस्पताल में इलाज करा रहे थे। इसके बावजूद, अगर किसी को अभी भी कोई चिंता है, तो सच्चाई सामने लाने के लिए जांच कराई जा सकती है।"
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।