पीएम मोदी और इशीबा की बैठक से साफ होगी क्वाड सम्मेलन की स्थिति, भारत-अमेरिका के लिए क्यों है खास?
सितंबर 2024 में क्वाड देशों की शिखर बैठक हुई थी जिसके बाद अगली बैठक भारत में होने की बात थी। फरवरी 2025 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात में यह तय हुआ कि ट्रंप क्वाड बैठक के लिए भारत आएंगे। हालांकि अभी तक भारत या क्वाड के अन्य सदस्यों की तरफ से कोई संकेत नहीं मिला है जिससे अनिश्चितता बनी हुई है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। सितंबर, 2024 में विलिमिंगटन (अमेरिका) में क्वाड सदस्यों अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और भारत के शीर्ष नेताओं की शिखर बैठक हुई थी तब यह बताया गया था कि आगामी शिखर बैठक भारत में होगी।
उसके बाद फरवरी, 2025 में जब पीएम नरेन्द्र मोदी की मुलाकात वाशिंगटन में अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई तब यह बताया गया कि ट्रंप इस साल भारत दौरे पर क्वाड बैठक में हिस्सा लेने के लिए आएंगे। यह भी संकेत दिया गया कि बैठक सितंबर, 2025 में होगी।
किस-किस की होती है बैठक?
लेकिन अभी तक इस शिखर बैठक को लेकर कोई संकेत ना तो भारत की तरफ से और ना ही क्वाड के अन्य तीनों सदस्यों की तरफ से दिए गए हैं। क्वाड शिखर बैठक की तैयारियों को लेकर भी सामान्य तौर पर चारों देशों के बीच बैठक होती है वह भी नहीं हुई।
ऐसे में इस बात की चर्चा है कि क्या भारत और अमेरिका के बीच ट्रंप की शुल्क नीति को लेकर जो अनिश्चतता बनी है, उसका असर तो नहीं है। लेकिन बहुत संभव है कि 30 अगस्त को जापान के पीएम शीगेरू इशीबा और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच होने वाली बैठक के बाद आगामी क्वाड सम्मेलन को लेकर स्थिति स्पष्ट हो।
कब जापान जाएंगे पीएम मोदी?
पीएम मोदी 29-30 को जापान यात्रा पर जा रहे हैं। वहां भारत-जापान शिखर सम्मेलन होने वाला है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी से जब क्वाड के भविष्य को लेकर पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “भारत क्वाड को एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म मानता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए गठित इस मंच के तहत हाल के समय में कई स्तरों पर काम शुरू हुआ है। क्वाड देशों ने अपने एजेंडे को विस्तार दिया है और इनके बीच स्वास्थय, दुलर्भ खनिजों, सप्लाई चेन को सुचारू तौर पर बना कर रखने जैसे मुद्दों पर सहयोग की सहमति बनी है। भारत और जापान दोनों क्वाड को बहुत महत्व देता है।''
सितंबर, 2024 की क्वाड शिखर सम्मेलन में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन स्थापित करने, कैंसर मिशन शुरू करने, समुद्र के अंदर केबल बिछाने और आतंकवाद के खिलाफ रणनीति बनाने की सहमति बनी थी। लेकिन अभी तक इन विषयों पर चारों देशों के बीच विशेष तौर पर कोई बैठक नहीं हुई है।
पीएम मोदी की यात्रा के बारे में जानकारी
मिसरी ने बताया कि, “पीएम मोदी की आगामी यात्रा से भारत और जापान के द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आएगी। यह पीएम मोदी की आठवीं जापान यात्रा होगी। वैसे द्विपक्षीय दौरे पर सात वर्षों बाद पीएम मोदी जापान जा रहे हैं।
बैठक में पिछली द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में लिए गये फैसलों के कार्य निष्पादन की समीक्षा की जाएगी और आगे सहयोग की रणनीति बनाई जाएगी। इस बार भी दोनों नेताओं के बीच बैठक के काफी विस्तृत एजेंडा है।
विस्तार से होगी बात
मोदी और इशीबा के बीच होने वाली बैठक में रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र, कारोबार व इकोनमी, विज्ञान व तकनीक क्षेत्र में सहयोग के भावी रोडमैप पर विमर्श होगा।'' माना जा रहा है कि अमेरिका की शुल्क नीति की वजह से वैश्विक इनोकमी के समक्ष पैदा हुई अस्थिरता में एक दूसरे को भारत व जापान किस तरह से मदद कर सकते हैं, इस बारे में भी विस्तार से बात होगी।
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