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    भारत से दुश्मनी पड़ी महंगी! पाकिस्तान में आसमान छूने वाली है जरूरी सामानों की कीमत; ये है वजह

    By Agency Edited By: Prince Gourh
    Updated: Fri, 25 Apr 2025 09:27 AM (IST)

    22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापार को रोक दिया है। जीटीआरआई ने उल्लेख किया कि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान का एमएफएन का दर्जा रद कर दिया था।

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    भारत ने पाक के साथ व्यापार किया बंद (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के साथ सभी तरह के व्यापार को रोक दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।

    हालांकि, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, इस सीमा बंद होने से केवल औपचारिक व्यापार रुकने की उम्मीद है, मांग नहीं। पाकिस्तान तीसरे देशों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय सामान मंगाना जारी रखने की कोशिश कर सकता है, लेकिन इसकी कीमत ज़्यादा होगी।

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    पुलवामा हमले के बाद भारत ने रद किया MFN का दर्जा

    जीटीआरआई ने उल्लेख किया कि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। उस समय, भारत ने पाकिस्तान का सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा रद कर दिया था और उसके आयात पर 200 प्रतिशत का भारी शुल्क लगा दिया था।

    जीटीआरआई के अनुसार, "सीमा बंद होने से औपचारिक व्यापार रुक जाता है, लेकिन मांग नहीं। पाकिस्तान भारतीय सामान खरीदना जारी रखेगा, बस ज्यादा कीमत पर और तीसरे देशों के जरिए"।

    बता दें, भारत द्वारा पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान का एमएफएन का दर्जा रद करने के बाद पाकिस्तान ने अगस्त 2019 तक भारत के साथ सभी द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया था। तभी से दोनों देशों के बीच औपचारिक व्यापार को बड़े पैमाने पर निलंबित कर दिया गया है। पाकिस्तान भारत से केवल कुछ चीजें ही निर्यात करता है, जिसमें मुख्य रूप से दवाइयों को मानवीय आधार पर अनुमति दी गई है।

    भारत-पाकिस्तान के बीच का व्यापार

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, व्यापार रोक के बावजूद, भारत ने वित्त वर्ष अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच पाकिस्तान को 447.7 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया है।

    इन निर्यातों में मुख्य रूप से आवश्यक वस्तुएं जैसे कि फार्मास्यूटिकल्स (110.1 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक), 129.6 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की सक्रिय दवा सामग्री (एपीआईएस), 85.2 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की चीनी, 12.8 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स और 6 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य के उर्वरक शामिल थे।

    अगर पाकिस्तान से भारत का आयात के बात करें तो ये न के बराबर था, जो केवल 0.42 मिलियन अमरीकी डॉलर था। इन आयातों में 78,000 अमरीकी डॉलर मूल्य के अंजीर और 18,856 अमरीकी डॉलर मूल्य की तुलसी और मेंहदी जैसी जड़ी-बूटियाँ जैसे कृषि वस्तुएं शामिल थीं।

    इन देशों के माध्यम से सामान मंगा सकता है पाकिस्तान

    हालांकि औपचारिक व्यापार चैनल अब पूरी तरह से बंद हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान तीसरे देशों के माध्यम से अनौपचारिक मार्गों के माध्यम से आयात जारी रखने की कोशिश करेगा। जीटीआरआई का अनुमान है कि लगभग 10 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार अभी भी पुनः निर्यात मार्गों के माध्यम से होता है, मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर के माध्यम से।

    पाकिस्तान कथित तौर पर इन तीसरे देशों के माध्यम से कई भारतीय उत्पादों का आयात करता है, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, कपास, चाय, कॉफी, रंग, प्याज, टमाटर, लोहा, इस्पात, चीनी, नमक और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं।

    दूसरी ओर, भारत को हिमालयन पिंक नमक और खजूर, खुबानी और बादाम जैसे सूखे मेवे भी इसी तरह के अप्रत्यक्ष मार्गों से पाकिस्तान से मिल सकते हैं।

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