5 साल में 65 बार उड़ती फ्लाइट में बंद हो गए इंजन, 17 महीने में 11 बार मिली 'मेडे' कॉल; रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की शुरुआती रिपोर्ट में फ्यूल स्विच के कटऑफ मोड में जाने से इंजन में फ्यूल की आपूर्ति बंद होने की बात सामने आई है। एक आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले 5 वर्षों में 65 बार फ्लाइट के उड़ान के दौरान इंजन बंद होने की घटनाएं हुई हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि प्लेन के दोनों फ्यूल स्विच रन से कटऑफ मोड पर चले गए थे। इस कारण इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो गया था और विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस रिपोर्ट के बाद बोइंग के विमानों में फ्यूल स्विच में आई तकनीकी खराबी की भी आशंका जताई जा रही है।
लेकिन इस बीच एक आरटीआई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में पिछले 5 साल में 65 बार फ्लाइट की उड़ान के दौरान इंजन बंद होने की घटनाएं सामने आई हैं और केवल पिछले 17 महीने में पायलट्स ने 11 बार मेडे की कॉल दी है। ये रिपोर्ट नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से प्राप्त हुई है।
हैरान कर देने वाले मामले
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि भारत में संचालित एयरलाइंस में इंजन में खराबी की समस्या लगभग हर महीने सामने आती है। सभी 65 मामलों में पायलट्स ने एक ही इंजन से प्लेन को निकटतम एयरपोर्ट तक सुरक्षित रूप से पहुंचाया।
भारतीय पायलट संघ के अध्यक्ष कैप्टन सी. एस. रंधावा के मुताबिक, इंजन बंद हो जाने के मुख्य कारण फ्यूल फिल्टर का ब्लॉक होना, फ्यूल में पानी का मिल जाना, इंजन को फ्यूल मिलने में आई परेशानी और इंजन स्टैक में फॉरेन ऑब्जेक्ट का एंटर करना शामिल है।
आरटीआई से ये भी पता चला कि 1 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 के बीच 11 बार पायलट्स ने मेडे की कॉल दी, जिसमें इमरजेंसी लैंडिंग की मांग की गई थी। 11 में से 4 फ्लाइट्स में तकनीकी दिक्कतें सामने आईं। बता दें कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन ने अपने वर्ल्डवाइड सेफ्टी ओवरसाइट मैकेनिज्म में भारत को 48वां स्थान दिया है।
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